रामचरितमानस को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का एक और बयान सामने आया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं धमकियों से डरने वाला नहीं हूं. उन्होंने कहा कि वोट देने के समय हिंदू बाकी समय बीजेपी के लिए बेगाने हैं.

स्वामी प्रसाद ने कहा कि धर्म की आड़ में अपमानित किया जाता है. अगर हम हिंदू तो धर्म के नाम पर अपमान क्यों? सम्मान के समय हम बेगाने क्यों कर दिए जाते हैं. अपमान की व्यवस्था खत्म होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अपने पीछे चलने वालों को भी सम्मान दो धर्म की आड़ में हम अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.

सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं संविधान को मानने वाला हूं. मैंने अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से कही है. गाली देने वाले गाली देने में अपना धर्म समझते हैं. गांधीजी को ट्रेन में अपमानित किया गया था. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस की चौपाई के अंश को लेकर बात कही.

स्वामी ने कहा कि कुछ अंश में महिलाओं और शुद्र समाज को अपमानित किया. मैं 97% लोगों को न्याय दिलाने की बात कर रहा हूं. यह कैसा धर्म है, जो अपने लोगों को अपमानित करें. संविधान किसी भी धर्म गण से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है.

गौरतलब है कि पूर्व मंत्री एवं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते रोज कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते. सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। उन्होंने कहा था कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है, क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है.

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