रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद ने भारत के आध्यात्मिक ज्ञान को पूरी दुनिया तक पहुंचाया। वे एक क्रांतिकारी संत थे। उन्होंने विश्व बंधुत्व की बात कही। वे शिकागो गए ताकि भारत के आध्यात्मिक ज्ञान का लाभ पूरी दुनिया को मिले और पूरी दुनिया के विज्ञान का लाभ भारत को मिले। वे युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे। मुख्यमंत्री ने भूपेश बघेल ने बातें आज राजधानी रायपुर के विवेकानंद आश्रम में आयोजित जयंती समारोह में कही.
उन्होने कहा यदि स्वामी विवेकानंद जी को समझना है पहले उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस को समझना होगा। स्वामी रामकृष्ण परमहंस दुनिया के एकमात्र ऐसे संत थे, जिन्होंने कहा था कि हम किसी भी विधि से प्रार्थना करें सभी रास्ते एक ही ईश्वर तक जाते हैं। स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने शिवभाव से जीवों की सेवा यानी दरिद्र नारायण की सेवा का मूल मंत्र दिया। स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु के इस मंत्र को अपना प्रमुख लक्ष्य बनाया। इसी वजह से रामकृष्ण मिशन और विवेकानंद आश्रम में आज भी जीव सेवा और मनुष्यता की सेवा का कार्य समर्पण के साथ किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे, उन्होंने कहा कि वे युवाओं को खेल के मैदान में देखना चाहते हैं, जिससे शारीरिक दृष्टि से वे मजबूत बने और उनके स्नायु इस्पात के हों। एक स्वस्थ शरीर में ही एक सुन्दर मन हो सकता है। सीएम बघेल ने कहा कि राज्य सरकार भी सुपोषण छत्तीसगढ़ अभियान के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को मजबूत बनाने के लिए कार्य कर रही है, उनकी बेहतर शिक्षा और रोजगार के लिए भी पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कोलकाता के बाद सबसे ज्यादा 2 वर्ष का समय छत्तीसगढ़ में बिताया। उनके पिता रायपुर में जिस स्थान पर डे भवन में रुके थे, उसे स्वामी विवेकानंद स्मृति में स्मारक के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होने यह जानकारी भी दी कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में रायपुर के एयरपोर्ट का नामकरण स्वामी विवेकानंद के नाम पर करने का अशासकीय संकल्प पारित किया गया। आज रायपुर एयरपोर्ट का नाम स्वामी विवेकानंद जी के नाम पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद के प्रयासों से पूरे छत्तीसगढ़ में स्वामी रामकृष्ण की भावधारा प्रवाहित हो रही है। मुख्यमंत्री ने समारोह में विवेकानंद भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए। मुख्यमंत्री ने इसके पहले आश्रम परिसर स्थित मंदिर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस को श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया।