वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। शंकराचार्य संस्थान के पीठाधीश्वर और वृंदावन धाम के स्वामी यदुनंदन सरस्वती ने बिलासपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान कई गंभीर और विवादास्पद बयान दिए हैं। उन्होंने आतंकवाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हिंदू राष्ट्र की मांग और शंकराचार्य परंपरा की कार्यशैली पर खुलकर टिप्पणी की।

प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को “अवसरवादी” करार देते हुए कहा, “बिहार चुनाव आए तो थोड़ी धूमधड़ाम कर देते हैं जिससे हिंदुओं के वोट मिलें, लेकिन ऐसे मौकों की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। जवाब ‘देन एंड देयर’ होना चाहिए।”

हिंदू और सनातन धर्म को बताया अडिग

धर्म को खतरे में बताने वाले बयानों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, “जब तक सृष्टि है, हिंदू और सनातन रहेगा। कुछ दुराग्रही, जो छोटे-मोटे कीड़े-मकोड़े हैं, उनसे धर्म को कोई खतरा नहीं।”

हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पर स्पष्ट राय

हिंदू राष्ट्र की उठती मांग पर उनका कहना था, “कैलाश शिखर से कन्याकुमारी तक भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है। इसे घोषित किया जाए या नहीं, फर्क नहीं पड़ता। सनातन धर्म की रक्षा करना हमारा अधिकार नहीं, प्रचार और उपदेश ही हमारा कर्तव्य है। धर्म रक्षा की घोषणा करना अहंकार है।”

शंकराचार्य व्यवस्था पर तीखा हमला

स्वामी यदुनंदन ने वर्तमान शंकराचार्यों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कहा, “ज्यादातर शंकराचार्य विवादों में हैं या योग्य नहीं हैं। सरकार नकली लोगों को संरक्षण देती है। बिना पैसे के ये शंकराचार्य कहीं नहीं जाते, सामान्य व्यक्ति तो दर्शन भी नहीं कर सकता। दीक्षा देने की फैक्ट्री चल रही है, जो शास्त्रों के आदेश के खिलाफ है।” उन्होंने कहा कि “शास्त्रार्थ का आंदोलन होना चाहिए, न कि संगठन बनाकर युद्ध।”

आतंकवाद पर मुस्लिम समुदाय को ठहराया जिम्मेदार

पहलगाम घटना का ज़िक्र करते हुए स्वामी यदुनंदन सरस्वती ने कहा, “इस समय जो आतंकवाद है, उसका सृजन मुसलमानों के यहां से हुआ है। जितने भी आतंकवादी हैं, वे सभी इस्लामी हैं।” उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वह आतंकवाद के विरुद्ध कठोर कानूनों का सख्ती से उपयोग करें और “तुरंत कठोर निर्णय लेते हुए जवाब दे।”

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