रायपुर. स्वाइन फ्लू का कहर इन दिनों देश के विभिन्न प्रदेशों में टूट रहा है. छत्तीसगढ़ में अब तक स्वाइन फ्लू से सात मौतें हो चुकी है, जिसमें राज्य सरकार में आला अधिकारी भी शामिल हैं. इससे आम लोगों में भी स्वाइन फ्लू को लेकर दहशत का मौहाल है, लेकिन इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है. श्रीबालाजी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल के पल्मोनरी फिजिशियन डॉ. तुषार जैन के मुताबिक समय पर इस बीमारी के लक्षणों की पहचान कर इलाज शुरू करने से खतरा नहीं के बराबर हो जाता है.

डॉ. जैन ने स्वाइन फ्लू के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक संक्रामक रोग है, जो कि सामान्य रूप से केवल सूअरों को प्रभावित करता है. यह आमतौर पर स्वाइन फ्लू वायरस के एच 1 एन 1 स्ट्रैंस के कारण होता है. हालांकि, एच1 एन2, एच3 एन1 और एच3 एन2 के रूप में अन्य स्ट्रेंस भी सूअरों में मौजूद रहते हैं. लेकिन लोगों में स्वाइन फ्लू होना सामान्य नहीं है, मानवीय संक्रमण कभी-कभी होते हैं.

उन्होंने बताया कि यह बीमारी इंसान से इंसान को लगती है. जब कोई स्वाइन फ्लू का मरीज छींकता है तो उसके आसपास 3 फीट की दूर तक खड़े व्यक्ति के शरीर में इस स्वाइन फ्लू के वायरस प्रवेश कर जाता है. यदि कोई व्यक्ति छींकते समय हाथ से ढंक लेता है तो फिर यदि वह जहां कही भी उस हाथ को लगाता है (दरवाजे, खिड़कियां, मेज, को-बोर्ड आदि) वहां यह वायरस लग जाता है, और फिर वहां से किसी अन्य व्यक्ति के हाथों पर लगकर शरीर में प्रवेश हो जाता है.

लक्षण

डॉ. जैन ने बताया कि स्वाइन फ्लू के लक्षण सामान्य जुकाम जैसे ही होते है, लेकिन इससे 100 डिग्री तक बुखार आता है, भूख कम लगती है,  और नाक से पानी बहता है. कुछ लोगों को गले में जलन, उल्टी और डायरिया भी हो जाता है. स्वाइन फ्लू होने पर इनमें से कम से कम तीन लक्षण नजर आने लगते हैं,

इलाज

स्वाइन फ्लू एक लाइलाज बीमारी नहीं है. डॉ. जैन ने बताया कि एंटीवायरल दवाओं के कोर्स से इस बीमारी से लड़ा जा सकता है. इन दवाओं का स्वाइन फ्लू होने के 48 घंटों के भीतर उपयोग शुरू कर दिया जाए तो अच्छा असर होता है, लेकिन डॉक्टरों की निगरानी में इन दवाइयों को लेना जरूरी है. इसके अलावा कुछ साइड इफेक्ट भी है, जैेसे जी मिचलाना, उल्टी और बैचेनी भी होते हैं.

सावधानी

  • छींकते समय टिश्यू पेपर से नाक को ढंके और फिर उस पेपर को सावधानी से नष्ट कर दें, कचरे में फेंके दें.
  • अपने हाथों को लगातार साबुन से धोते रहे, अपने घर के, ऑफिस के दरवाजों के हैंडल, की-बोर्ड, मेज आदि साफ करते रहें.
  • यदि आपको जुकाम के लक्षण दिखाई दे तो घर से बाहर न जाएं और दूसरों के नजदीक न जाएं.
  • यदि आपको बुखार आई हो तो उसके ठी होने के 24 घंटे बाद तक घर पर रहें. लगातार पानी पीते रहें ताकि डिहाइड्रेशन न हो.
  • संभव हो ते फेस मॉस्क पहन लें.

सामान्य सर्दी से कैसे करें अंतर

  • सद्री लगने में अमूमन बुखार नहीं आता, लेकिन स्वाइन फ्लू होने पर 100-102 डिग्री बुखार आम है.
  • सद्री लगने पर सिरदर्द और बदन दर्द कम ही होता है, परंतु स्वाइन फ्लू होने पर काफी सिरदर्द होता है और असहनीय बदन दर्द होता है.
  • सर्दी लगने पर कमजोरी आती है, परंतु स्वाइन फ्लू में अत्यधिक कमजोरी महसूस होती है.
  • सर्दी होने पर नाक जाम हो जाता है, परंतु स्वाइन फ्लू होने से नाम अमूमन जाम नहीं होता है.