केंद्र सरकार ने एक बार फिर हरियाणा-पंजाब के बीच दशकों से चले आ रहे सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के जल बंटवारे के मुद्दे को सुलझाने की पहल की है।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को पत्र लिख 10 जुलाई के आसपास बैठक करने को कहा है। बीते छह मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर केंद्र को दोनों राज्यों के बीच नहर विवाद को सुलझाने के निर्देश दिए थे। इस मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होनी है। ऐसे में केंद्र एक विवाद को सुलझाने के लिए फिर से मध्यस्थता करने के लिए तैयार है।

एसवाईएल नहर के जल बंटवारे का मुद्दा पिछले कई दशकों से पंजाब-हरियाणा के बीच विवाद का कारण बना हुआ है। यह मुद्दा 214 किलोमीटर लंबी एसवाईएल नहर के निर्माण से संबंधित है, जिसमें से 122 किलोमीटर पंजाब में और 92 किलोमीटर हरियाणा में बनाई जानी थी।
हरियाणा ने अपना हिस्सा पूरा कर लिया, जबकि पंजाब ने इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इससे पहले पूर्व केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की थी। तीन बार हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक करवाई, मगर विवाद नहीं सुलझा
दिल्ली में हो सकती है बैठक
एसवाईएल को सुलझाने के लिए पिछली कई बैठक चंडीगढ़ में होती रही है। मगर इस बार बैठक दिल्ली में होने की संभावना है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने दोनों ही मुख्यमंत्री से दिल्ली में बैठक करने को कहा है। हालांकि इस बारे में हरियाणा सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सिंचाई विभाग का कहना है कि अभी फिलहाल उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है।
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