जितेंद्र सिन्हा, गरियाबंद। जिले के छुरा विकासखंड के अंतिम छोर स्थित ग्राम छिंदौली में शिक्षा का स्तर बदहाल है. आदिवासी बाहुल्य वनाआंचल ग्राम में लापरवाही इस कदर सामने आ रही है कि बिना मिड डे मील खिलाये ही स्कूल बंद होने से पहले बच्चों को छुट्टी दे दी गई.
लल्लूराम डॉट कॉम की टीम शुक्रवार को जब स्कूल पहुंची तो कक्षा पहली से पांचवी तक दर्ज कुल 37 बच्चों वाली स्कूल में सन्नाटा का आलम पसरा हुआ था. वहीं मौके पर उपस्थित शिक्षक सवालों से बचते हुए नजर आए.
स्कूल नहीं लगने पर परीसर में खड़ी ट्रैक्टर ट्राली में बच्चे खेलते नजर आए. इस दौरान जब नौनिहालों से पूछा गया तो उन्होंने बताया की आज समय से पहले स्कूल की छुट्टी हो गई है. साथ ही बच्चों को मिड डे मिल भी नहीं दी गई. इस मामले को लेकर जब स्कूल के शिक्षकों से बात की गई तो कुछ शिक्षक सवाल से बचते नजर आए तो कुछ ने जवाब दिया.
शिक्षक यशवंत नागेश ने बताया कि बच्चों का पेपर लेने के बाद छुट्टी दे दे गई. बाचे को मीड डे मील नहीं मिलने पर शिक्षक ने कहा कि मध्यान भोजन बनाने वाले के घर किसी का निधन हो गया है, जिसकी वजह से उन्हें मीड डे मील नहीं दिया गया.
केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को उच्च शिक्षा देने नित नए अभिनव पहल कर लाखों करोड़ों रुपये खर्च किये जाने के बाद गैर जिम्मेदार शिक्षकों के द्वारा नौनिहालों की भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. अब इस तरह की लापरवाही उजागर होने के बाद देखने वाली बात होगी की शिक्षा विभाग मामले में क्या कार्रवाई करता है.
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