ICC Broadcast Rights Crisis Escalates: भारत–श्रीलंका में होने वाले मेन्स T20 वर्ल्ड कप 2026 की शुरुआत से ठीक तीन महीने पहले भारतीय दर्शकों को बड़ा झटका लग सकता है। टूर्नामेंट के ब्रॉडकास्ट पार्टनर जियोस्टार ने भारी नुकसान का हवाला देते हुए ICC के साथ हुई प्रसारण डील से पीछे हटने का फैसला कर लिया है। अगर समय रहते नया ब्रॉडकास्टर नहीं चुना गया, तो भारत में टी-20 वर्ल्ड कप का प्रसारण प्रभावित हो सकता है।
क्यों पीछे हट रही है जियोस्टार?
जियोस्टार ने 2023 में ICC के सभी बड़े टूर्नामेंटों (2024–2027) के प्रसारण अधिकार लगभग 3 अरब डॉलर (करीब 25,000 करोड़ रुपए) में खरीदे थे। इस हिसाब से कंपनी को हर साल औसतन 6,000 करोड़ रुपए ICC को देने पड़ते, लेकिन उम्मीद के मुताबिक कमाई नहीं हुई।
रियल मनी गेमिंग जैसे Dream11 और अन्य ऐप्स पर बैन के बाद विज्ञापन राजस्व में भारी गिरावट आई। सब्सक्रिप्शन ग्रोथ भी उम्मीद से कम रही। ऐसे में कंपनी ने पिछले वर्षों में अपने वित्तीय रिकॉर्ड में इस डील से होने वाले घाटे के लिए अलग से पैसा रखना शुरू कर दिया था।
कंपनी के अनुमान:
2023-24 में अनुमानित घाटा: 12,319 करोड़ रुपए
2024-25 में बढ़कर: 25,760 करोड़ रुपए
यानी जिस डील के लिए कंपनी ने करीब 25,000 करोड़ चुकाए थे, उससे उसका घाटा ही 25,760 करोड़ तक पहुंचने की आशंका है। इसी वजह से जियोस्टार ने कहा कि वह दो साल बची अवधि के लिए डील को निभाना संभव नहीं है।
ICC की मुश्किलें बढ़ीं… कोई भी नया पार्टनर तैयार नहीं
जियोस्टार के हटने के बाद ICC ने भारत में प्रसारण अधिकारों के लिए सोनी, नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स से संपर्क किया, लेकिन सभी कंपनियों ने प्रसारण अधिकार की कीमत अत्यधिक होने की वजह से दिलचस्पी नहीं दिखाई।
सोनी पहले से ही ACC, न्यूजीलैंड क्रिकेट और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के राइट्स संभाल रहा है, इसलिए अतिरिक्त खर्च से बच रहा है। नेटफ्लिक्स क्रिकेट में लगभग दिलचस्पी नहीं दिखाता। अमेजन का स्पोर्ट्स इन्वॉल्वमेंट अभी काफी सीमित है।
अब आगे क्या ?
गौरतलब है कि जियोस्टार का ICC प्रसारण अधिकारों से पीछे हटना सिर्फ एक कॉरपोरेट फैसला नहीं, बल्कि भारत में स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टिंग के बदलते आर्थिक समीकरणों का संकेत है। बढ़ती लागत, घटती एड आय और गेमिंग एप्स पर प्रतिबंध ने पूरे इकोसिस्टम को हिला दिया है। दूसरी ओर ICC के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि भारतीय बाजार पर अत्यधिक निर्भरता के बावजूद कोई नया ब्रॉडकास्ट पार्टनर आगे नहीं आ रहा।
कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक जियोस्टार 2027 तक बाउंड है। अगर कोई नया पार्टनर नहीं मिलता, तो ICC उसे ही प्रसारण जारी रखने को कह सकता है भले ही कंपनी घाटा झेल रही हो। हालांकि, अगर बात लंबी चली तो टी-20 वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के प्रसारण पर खतरा मंडरा सकता है, जो न सिर्फ दर्शकों बल्कि क्रिकेट के पूरे बिज़नेस मॉडल पर असर डाल सकता है।आने वाले हफ्ते तय करेंगे कि भारत में दर्शक टी-20 वर्ल्ड कप आसानी से देख पाएंगे या यह मुद्दा क्रिकेट इतिहास की सबसे जटिल ब्रॉडकास्टिंग समस्याओं में से एक बन जाएगा।
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