छत्तीसगढ़ झोपड़ी में मुफलिसी की इंतिहा: न पेंशन, न राशन, न आधार कार्ड और न आशियाना, कई सरकारें आई और गई, मदद की आस में धुंधली पड़ीं आंखें, आखिर कौन लेगा इस बेबस का सुध ?