पॉवर गॉशिप: लो..दबदबे के आगे झुके आईपीएस, छोटे चैंबर में बड़े साहब…कागज की कश्ती और बारिश का पानी, डूबेगी ही…दोस्त हो या दुश्मन, रिश्ता भाई-भाई का और हिसाब…शाह के सामने मायूसी…मरहम लगाने वालो ने ही दर्द दिया…चर्चा जोरों पर…