राष्ट्रीय कॉनक्लेव में विशेषज्ञों ने सुझाया जलवायु, जल और उद्योग के पर्यावरण संबंधी समस्याओं का निदान, प्रोफेसर्स और प्रशासन के नीति निर्माता हुए शामिल