‘जल, जतन और जनसहयोग’ के मंत्र से गूजी लंदन की संसद, बदायूं की शिप्रा पाठक ने छोड़ी अमिट छाप, कहा- भारत विश्व शांति को सांस्कृतिक जिम्मेदारी मानता है