26/11 Mumbai Terror Attacks: केंद्र की मोदी सरकार ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले में पाकिस्तानी-कनाडाई आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अध्यक्षता में वकीलों की पांच सदस्यीय टीम नियुक्त की है। बता दें कि, पिछले हफ्ते ही पटियाला हाउस कोर्ट ने राणा को 6 जून तक तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। राणा को एनआईए की हिरासत खत्म होने से एक दिन पहले स्पेशल एनआईए जज चंदर जीत सिंह के सामने पेश किया गया था। एनआईए ने जज के सामने राणा की वॉइस और हैंडराइटिंग के नमूने लिए।
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सरकार ने जारी किया गजैट नोटिफिकेशन
गुरुवार को केंद्र सरकार की तरफ से गजैट नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसमें गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी अभिजित सिन्हा ने कहा, ‘बीएनएसएस 2023 की धारा 18 के सब सेक्शन (8) के साथ एनआईए की धारा 15 की सब सेक्शन (1) द्वारा शक्तियों के तहत केंद्र सरकार भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अध्यक्षता में स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर की एक टीम नियुक्त करती है, जिसमें एसवी राजू, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के साथ दयान कृष्णन, वरिष्ठ वकील और नरेंद्र मान शामिल हैं।’
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अभी तक कौन कर रहा था प्रतिनिधित्व ?
वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नरेंद्र मान अब पटियाला हाउस कोर्ट में एनआईए का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कानूनी मदद के तहत वकील पीयूष सचदेव और लक्ष्य धीर राणा की तरफ से पेश हुए। 26/11 के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली के करीबी सहयोगी राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद 10 अप्रैल को भारत लाया गया था।
पिछले महीने केंद्र ने कृष्णन की अध्यक्षता में एक कानूनी टीम का गठन किया था। उन्हें प्रत्यर्पण कानून का एक्सपर्ट माना जाता है। उन्होंने अमेरिकी की कोर्ट में राणा के प्रत्यर्पण के लिए भारत की तरफ से दलीलें दी थीं। वह 26/11 हमलों के लिए लश्कर-ए-तैयबा के जासूस हेडली के अमेरिका से प्रत्यर्पण की कार्यवाही में स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर भी थे। वह हेडली से पूछताछ करने के लिए शिकागो गए चार सदस्यीय दल का भी हिस्सा थे। बता दें कि राणा को नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों के कुछ महीनों बाद 2009 में शिकागो में अरेस्ट किया गया था । इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे। 26/11 की अधूरी फाइलें फिर खुलीं।