छुरा. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान आईएसबीएम यूनिवर्सिटी द्वारा विद्यार्थियों की शैक्षणिक हानि न हो इस बात को ध्यान में रखते हुये अभिनव पहल की जा रही है. विश्वविद्यालय सभी पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहा है. विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञयों द्वारा पाठ्यक्रम की सामग्री डिजिटल रूप से सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में निवासरत विद्यार्थियों तक उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही विद्यार्थियों को लॉकडाउन के नियमों का पालन करने एवं स्वस्थ रहने का संदेश भी दिया जा रहा है.
विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार राकेश तिवारी ने बताया कि आईएसबीएम यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डा. विनय अग्रवाल के निर्देशानुसार सभी विभागाध्यक्षों के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय द्वारा संचालित समस्त पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन कक्षाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है. विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाओं के लिए प्राध्यापकों द्वारा विशेष शैड्यूल तैयार किया गया है. इसके तहत प्रतिदिन होने वाली पढ़ाई को प्राध्यापक जूम, गूगल क्लासरूम, व्हाट्सअप सहित विभिन्न ई-लर्निंग संसाधनों के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर अध्यापन प्रक्रिया को पूर्ण कर रहे हैं. सभी विद्यार्थियों को आडियो-वीडियो, पीडीएफ फार्मेट में नोट्स भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई में किसी तरह की बाधा न आए.
ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्साह भी देखा जा रहा है. विद्यार्थियों का कहना है कि लॉकडाउन से पढ़ाई के नुकसान को लेकर हमारी सभी चिन्ताओं का निराकरण विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन क्लासेस लगाकर कर दिया. ज्ञात हो कि अध्यापन के साथ साथ विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञों के माध्यम से स्वस्थ रहने एवं फिटनेस के टिप्स भी दिये जा रहे हैं. साथ ही उन्हे केंद्र एवं राज्य सरकार के नियमों का पालन करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.
कुलसचिव डॉ बीपी भोल ने बताया कि कुलाधिपति डा. विनय अग्रवाल, प्रो. चांसलर डा. आनंद महलवार द्वारा ई-लर्निग प्रक्रिया की प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है. उन्होने सभी प्राध्यापकों के प्रयासों को सराहनीय बताया है जो इस देश व्यापी आपदा के दौरान विद्यार्थियों की शैक्षणिक क्षतिपूर्ति के लिए लगातार ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर नियमित रूप से विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दे रहे हैं.
गौरतलब है कि आईएसबीएम यूनिवर्सिटी की छत्तीसगढ़ में स्थापना का मूल उदेश्य ही प्रदेश के ट्राईबल क्षेत्र में शिक्षा, सर्व सुलभ और आसान तरीके से सभी विद्यार्थियों तक उपलब्ध कराना है और इसी बात को ध्यान में रखते हुये छुरा ट्राईबल क्षेत्र में इसका कैम्पस स्थापित किया गया है.