चेन्नई। तमिलनाडु सरकार राज्य भर में हिंदी होर्डिंग्स और हिंदी भाषा की फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने वाली है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन विधानसभा में यह विधेयक पेश करेंगे, जिससे सार्वजनिक प्रदर्शनों और सिनेमा में हिंदी के इस्तेमाल पर रोक लगाने के सरकार के कदम का संकेत मिलेगा.

यह कदम डीएमके और भाजपा के बीच चल रहे तनाव के बीच उठाया गया है. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और त्रिभाषा फॉर्मूले के ज़रिए हिंदी थोपने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. केंद्र सरकार इस आरोप का लगातार खंडन करती रही है.

इस बीच अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोवई सत्यन ने बुधवार को फॉक्सकॉन द्वारा 15,000 करोड़ रुपये के निवेश के दावों को लेकर एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार की आलोचना की और सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को “केवल झूठ पर टिकी” पार्टी बताया.

सत्यन ने दावा किया कि फॉक्सकॉन ने निवेश संबंधी तमिलनाडु सरकार के बयानों का खंडन किया है. सत्यन ने एक वीडियो में कहा. “डीएमके एक ऐसी पार्टी है जो सिर्फ़ झूठ पर चलती है. उनकी सारी उपलब्धियाँ सिर्फ़ झूठ हैं. उद्योग मंत्री टीआरबी राजा द्वारा किए गए 15,000 करोड़ रुपये के फॉक्सकॉन निवेश का फॉक्सकॉन ने खंडन किया है. यह शर्मनाक है. एम.के. स्टालिन और उनके मंत्री को तमिलनाडु के लोगों को गुमराह करने के लिए शर्म से सिर झुका लेना चाहिए,”

उन्होंने आगे कहा कि आगामी 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में मतदाताओं के लिए डीएमके को नकारने का समय आ गया है.

उन्होंने कहा. “कल का दावा इस सरकार की अक्षमता और लोगों को गुमराह करने की उसकी हदों को साफ़ दर्शाता है. डीएमके और उसकी कैबिनेट का पर्दाफ़ाश हो गया है. उन्हें दरवाज़ा दिखाने का समय आ गया है, जो 2026 में होगा,”

अन्नाद्रमुक ने भी द्रमुक सरकार को “पूरी तरह झूठ पर आधारित” करार दिया और उस पर फॉक्सकॉन के निवेश के बारे में झूठे दावे करने और स्टालिन के तथाकथित “स्टालिन मॉडल” का मज़ाक उड़ाने का आरोप लगाया. विपक्ष ने सरकार की विदेश यात्राओं की आलोचना की और राज्य को होने वाले लाभों पर सवाल उठाए.

पार्टी ने बताया कि द्रमुक ने घोषणा की थी कि फॉक्सकॉन ने मुख्यमंत्री स्टालिन से मुलाकात की थी और 15,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में कंपनी ने ऐसी किसी भी चर्चा से इनकार किया. यह आलोचना तब हुई जब फॉक्सकॉन ने स्पष्ट किया कि उसके भारत प्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री स्टालिन से मुलाकात की थी, लेकिन किसी नए निवेश पर चर्चा नहीं हुई.