रायपुर. ताम्रध्वज साहू का उनके चुनावी भांजों पर दिया बयान सुर्खियों में है. उनके वीडियो को खूब वायरल किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि साहू ने आखिरकार साफ कर दिया है कि उनके आसपास मंडराने वाले भांजे ग्रुप से उनका कोई ताल्लुक नहीं है.
हालांकि ताम्रध्वज साहू ने अपनी बात कांग्रेस के पार्षदों के सम्मान समारोह में खुलकर कही. लेकिन नसीहत के रुप में कही. ताम्रध्वज साहू ने प्रदेश के कांग्रेस पार्षदों को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव जीतने के बाद चुनावी रिश्तेदारों से बच के रहना होगा. चुनाव जीतने के बाद इतने रिश्तेदार पैदा हो जाते हैं जिन्हें हम भी नहीं जानते.
गौरतलब है कि ताम्रध्वज साहू के मंत्री बनने के बाद कुछ युवा उनके बंगले के ईर्द गिर्द नज़र आने लगा. इन लोगों ने भांचा ग्रुप कते नाम से पोस्टर बना लिया. इस ग्रुप के साथ विवाद तब जु़ड़ा तब इसमें जोगी कांग्रेस के छात्र संगठन का प्रदेशअध्यक्ष प्रदीप साहू का नाम सामने आने लगा. प्रदीप साहू दिन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का विरोध करने लगे और शाम को ताम्रध्वज साहू के बंगले के इर्द गिर्द दिखने लगे. मामला जब सुर्खियों में आया तो प्रदीप साहू का बंगले जाना बंद हो गया.
लेकिन ताम्रध्वज साहू ने इस बात की नसीहत नए चुने हुए पार्षदों को दी है कि चुनावी रिश्तेदार कितनी बड़ी मुसीबत हो सकते हैं. ताम्रध्वज साहू ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद कितना ही रिश्तेदार आ जाते हैं. जिसे हम ही नहीं पहचानते. उन्होंने भांजों का हवाला दिया कि 15-20 भांचा हमारे पास आ गए. उन्होंने कहा कि ऐसे रिश्तेदारों से सावधान रहना चाहिए.
ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पार्षदो को ये याद रखना चाहिए कि उनके दुख में कौन साथ था. चुनाव के वक्त कौन था..वरना मामला उलट जाता है.