रायपुर. कुछ दिन पहले गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के करीबी पर करोड़ों रुपये के गोलमाल का आरोप लगाने वाला शख्स खुद ही 420 निकला. खुर्सीपार का रहने वाला अनिमेश सिंह फिलहाल फरार है. अनिमेश पर धोखाधड़ी की शिकायत एक व्यक्ति ने नहीं बल्कि चार-चार लोगों ने की है.

गौरतलब है कि खुर्सीपार का रहने वाले 29 साल का अनिमेश सिंह ने आरोप लगाया था कि गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के चुनाव प्रचार में उसके नाम के खाते से करोड़ों रुपये की लेनदेन हुई है. ये लेन देन हितेश चौबे नाम के शख्स ने की है. अनिमेश सिंह का आरोप था कि इसी एकाउंट से विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करीब 41 करोड़ रुपये का लेन देन हुआ. जबकि उसकी तनख्वाह मात्र 12 हज़ार रुपये है.

इस मामले में दिलचस्प मोड़ तब आया जब अनिमेश सिंह ने हाईकोर्ट में 13 दिसंबर में केस लगाया और अचानक उसे 6 जनवरी को वापिस ले लिया. हितेश चौबे ने इसके बाद 9 जनवरी को खुर्सीपार थाने में अनिमेश की धोखाधड़ी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

इस मामले में हितेश चौबे का कहना है कि अनिमेश सिंह उनके यहां काम नहीं करता है. हितेश चौबे का कहना है कि अनिमेश सिंह फर्जी तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट पहुंचा था. लेकिन जब ये बात उसके वकीलों को पता चली तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिये. इसके बाद फंसने के डर से अनिमेश ने केस वापिस ले लिया. हितेश चौबे का कहना है कि जो बैंक का डिटेल उसने पेश किया है. उसमें 12 हज़ार का कोई ट्रांजेक्शन नहीं है. हितेश चौबे की दलील थी कि जिस एकाउंट से अनिमेश सिंह ने 41 करोड़ के लेनदेन का आरोप लगाया है, उस एकाउंट से चुनाव से पहले 112 करोड़ का लेनदेन हो चुका था.

हितेश चौबे की शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने अनिमेश सिंह के खिलाफ चार सौ बीसी का प्रकरण दर्ज कर लिया. पुलिस ने शुरुआती जांच में पाया कि अनिमेश सिंह ने हितेश चौबे से 65 लाख रुपये अपने खाते में उधार लिए. लेकिन जब चुकाने की बारी आई तो उसने धोखाधड़ी करके ये रकम अदा करना दिखा दिया. अनिमेश  फर्जी यूटीआर नंबर और बैंक के स्टेटमेंट में छेड़छाड़ करके हितेश चौबे को बताया कि उसने लिये हुए पैसे उसको लौटा दिया है. मामले में खुर्सीपार के थानेदार सुरेंद्र उइके का कहना है कि शुरुआती जांच में ये बात सामने आई है कि पैसे के लेनदेन में धोखाधड़ी और कागज़ों से छेड़छाड़ हुई है.

दिलचस्प बात है कि इस मामले में डोंगरगढ़ के एक और अनिमेश सिंह लपेटे में आ गए. डोंगरगढ़ के अनिमेश सिंह एनएसयूआई के प्रदेश सचिव हैं. ये अनिमेश सिंह हितेश चौबे के फर्म होप इंटरप्राइजेज से जुड़े हैं. इस वजह से पुलिस ने उन्हें ही खुर्सीपार का अनिमेश सिंह समझ लिया और पूछताछ के लिए दो बार बुला लिया. लेकिन बाद में स्थिति साफ हुई कि वो अनिमेश सिंह दूसरा है.

अनिमेश सिंह के खिलाफ हितेश चौबे से पहले लाखों रुपये की धोखाधड़ी के तीन शिकायतें दर्ज की गई थीं. जिसकी पुलिस जांच कर रही थी. पहली शिकायत संतोष कुमार गुप्ता ने दर्ज कराई थी. इस शिकायत में कहा गया है कि उनके फ्लोरेट होटल को अपना बताकर अनिमेश सिंह ने भिलाई के कई लोगों से करोड़ों रुपये की उगाही की है. अपने फेसबुक एकाउंट में भी अनिमेश सिंह खुद को फ्लोरेट होटल का मैनेजिंग डायरेक्टर बताता है.संतोष कुमार गुप्ता का आरोप है कि अनिमेश सिंह ने 30 अक्टूबर को 5 लाख रुपये उधार लेकर उसे भी चूना लगाया.

इसी तरह पवन चौधरी नाम के शख्स ने किसी और की ज़मीन को अपना बताकर उन्हें बेचने की कोशिश की और दो लाख रुपये का चूना लगा दिया. इसी तरह सुशांत श्रीवास्तव ने भी अनिमेश पर पांच लाख की धोखाधड़ी के आरोप लगाये. ये तीनों शिकायतें अनिमेश सिंह पर उसके हाईकोर्ट जाने से पहले की हैं. इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू मे भी हो रही है.