संजय कुमार मानिकपुरी, सारंगढ़-बिलाईगढ़। वन विभाग के संरक्षण प्रयासों का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। सारंगढ़ वनमंडल क्षेत्र के टमटोरा तालाब में इन दिनों कई प्रवासी पक्षियों का आगमन देखा जा रहा है, जिससे क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता का प्रमाण मिलता है।

इस तालाब में लैसर व्हिस्लिंग डक, लिटिल कॉर्मोरेंट और कॉटन पिग्मी गूस जैसे सुंदर और दुर्लभ पक्षी बड़ी संख्या में देखे जा रहे हैं। इन प्रवासी पक्षियों का आगमन न केवल क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि स्थानीय जलस्रोत और वातावरण उनके लिए उपयुक्त बन रहे हैं।

वन विभाग के एसडीओ कृष्णानू चंद्राकर के अनुसार, लैसर व्हिस्लिंग डक ‘सीटी मारने वाली बत्तख’ झुंड में रहकर शांत जल क्षेत्रों में निवास करती है। वहीं, लिटिल कॉर्मोरेंट ‘छोटा जलकौवा’ मछली पकड़ने में दक्ष पक्षी है, जो स्वच्छ जल की उपस्थिति का प्रतीक माना जाता है। कॉटन पिग्मी गूस, दुनिया की सबसे छोटी बत्तखों में से एक, बेहद सुंदर और आकर्षक होती है। वन विभाग ने तालाब की साफ-सफाई, जैविक संतुलन बनाए रखने और पक्षियों को अनुकूल वातावरण देने के लिए विशेष कदम उठाए हैं।

इस क्षेत्र में लगातार निगरानी और सुरक्षा की व्यवस्था भी की जा रही है, ताकि ये पक्षी बिना किसी खतरे के सुरक्षित रह सकें। स्थानीय पर्यावरणविदों और पक्षी प्रेमियों के लिए यह खबर बेहद उत्साहजनक है।

यह क्षेत्र अब बर्ड वॉचिंग के लिए एक संभावित गंतव्य बनता जा रहा है, जिससे स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकता है। वन विभाग और स्थानीय समुदाय के प्रयासों से यह तालाब अब केवल जलस्रोत नहीं, बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए एक जीवंत आश्रयस्थल बन गया है।