निलेश भानपुरिया, झाबुआ। 4 माह की अनन्या को सांस लेने में तकलीफ थी। बच्ची निमोनिया से पीड़ित थी। लेकिन उसे अस्पताल ले जाने के बजाए तांत्रिक के पास ले जाया गया। तांत्रिक ने अनन्या के सीने पर तीन तरफ से गर्म सरिए से दाग दिया। अनन्या की हालत और बिगड़ गई। स्वास्थ्य में कोई सुधार न होता देख परिजन अनन्या को जिला अस्पताल लेकर आए। जहां मासूम का इलाज जारी है।

झाबुआ सिविल अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रजनी उइके ने बताया कि झाबुआ के समीप गोपालपुरा हवाई पट्टी के पास की एक चार माह की बच्ची अनन्या मोहनिया मंगलवार की रात 10 बजे भर्ती हुई थी। जिसे निमोनिया की शिकायत थी। उसके सीने पर तीन जगह दागा गया था। परिजन से पूछने पर बताया कि इसके दादा ने बीमार होने पर कहीं लेकर गए थे,वहां से इसके सीने पर इस तरह से दगाकर लाए। फिर हम अनन्या को जिला अस्पताल लेकर आए हैं।

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बच्ची की हालत में काफी सुधार

डॉक्टर ने बताया कि बच्ची को निमोनिया की शिकायत होने पर सांस नहीं ले पा रही थी। हमने तत्काल ऑक्सीजन दिया और प्राथमिक उपचार शुरू किया जिससे बच्ची में सुधार होने लगा। अभी बच्ची की हालत में काफी सुधार हो रहा है। आदिवासी अंचल में बच्चों को बीमारी होने पर तांत्रिक के पास लेकर जाते हैं और तांत्रिक इन बच्चो के गर्म सरिए से दागता है। जिससे बच्चे की शरीर की चमड़ी जल जाती है और बच्चा धीरे-धीरे सांस लेता है। और परिजन समझते है कि बच्चे के स्वास्थ्य सुधार हो रहा है।

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आदिवासी अंचल में जागरूकता की जरूरत

झाबुआ जिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ का कहना है कि अभी पिछले सप्ताह ही इस तरह के दो केस सामने आए हैं। हर माह इस तरह के निमोनिया और सरिए से दागे हुए बच्चे 4 से 5 बच्चे आते ही है। वहीं बरसात के मौसम में यह संख्या एक दर्जन के आसपास हो जाती है। इस आदिवासी अंचल में अभी और जागरूकता की आवश्यकता है।

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