उत्तर प्रदेश के मेरठ से बड़ी खबर आई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के सुरक्षा में लगे जिस लापता सिपाही को परिजन एक महीने से तलाश कर रहे थे, उसकी हत्या हस्तिनापुर के एक तांत्रिक ने एक माह पहले हत्या करके गंगा में फेंक दिया था। सिपाही ने अपनी पत्नी की तंत्र-मंत्र से हत्या कराने के लिये तांत्रिक को साढे चार लाख रुपये दिये थे। तांत्रिक को लगा अगर पत्नी को नहीं मरवा पाया तो सिपाही को पैसे वापस करने पड़ेंगे, इस कारण दाव से गर्दन पर प्रहार कर हत्या कर दी थी। पुलिस ने बाइक के पुर्जे और खून आलूदा कपड़े बरामद किये हैं।

थाना सरधना पुलिस ने दिल्ली पुलिस के सिपाही गोपी चंद की हत्या का खुलासा करते हुए हत्यारोपी गणेशानन्द उर्फ गनपत पुत्र गुरुप्रसाद चेला परमानन्द निवासी ग्राम सिमौरा थाना हुसैनगंज जिला फतेहपुर को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल गोपीचन्द पुत्र नत्थन सिंह निवासी ग्राम पौहल्ली गत 26 मार्च से लापता था। गोपीचन्द की पत्नी रेखा ने थाना सरधना पर पति गोपीचन्द की गुमशुदगी दर्ज करायी थी। परिजन एक महीने से गोपीचंद को ढूंढ रहे थे, लेकिन पुलिस कोई मदद नहीं कर रही थी।

बुधवार को लापता सिपाही गोपी चंद का भाई आदित्य मौर्य और पत्नी रेखा रानी एसपी देहात कमलेश बहादुर से मिले और कहा कि अभी तक पुलिस ने कोई कारवाई नही की। भाई ने बताया की उसका भाई गोपी हस्तिनापुर में एक साधु से मिलने जाता था और साधु को शायद पैसे भी दिए थे। गोपी 26 मार्च को घर आया था और 15 मिनट बाद घर चला गया था। उसकी आखिरी लोकेशन लावड़ में मिली थी। जबकि बाइक हस्तिनापुर के जंगल में लावारिश मिली थी। पुलिस ने शुक्रवार को कथित तांत्रिक गणेशानंद को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया।

आरोपी ने पुलिस को बताया कि एक वर्ष पहले गोपी अपनी पत्नी रेखा को तंत्र-मंत्र से मरवाने के लिए शुक्रताल में मिला था। इसके बाद गोपीचन्द लगातार बाबा गणेशान्द से मिलता रहा और अपनी पत्नी को तंत्र-मंत्र से मरवाने के लिए दबाव बनाता रहा। इसके बदले में गोपीचन्द ने बाबा गणेशानंद को एक साल के अन्दर करीब ढाई लाख रुपये, जिसमें कुछ नगद व कुछ यूपीआई ट्रांजेक्शन के माध्यम से दिया था। 24 मार्च को गोपीचन्द ने बाबा के खाते में एक लाख रुपये यूपीआई से दिये थे।

25 मार्च को 90 हजार रुपये गोपीचन्द ने बाबा के खाते में यूपीआई से ट्रांजेक्शन किये थे। बाबा गणेशानंद ने 26 मार्च को गोपीचन्द को डेढ़ लाख रुपये लेकर अपने आश्रम पर आने और गोपीचन्द की पत्नी रेखा को मारने के लिए तंत्र-मंत्र करने के लिए बुलाया था। गोपीचन्द अपनी बाइक यूपी-15 बीडब्ल्यू 8692 से एक मुर्गा लेकर बाबा के आश्रम में पहुंचा था। बाबा तंत्र-मंत्र का सामान के साथ व एक दांव लेकर गोपीचन्द के साथ सिरजेपुर गांव के पास गंगा किनारे तंत्र-मंत्र करने के लिए पहुंचा।

कथित बाबा तंत्र-मंत्र करने लगा और गोपीचन्द वही पास में लेट गया। बाबा ने पहले मुर्गे की बलि दी और फिर उसी दांव से लेटे हुए गोपीचन्द के गले पर प्रहार कर घायल कर दिया। जिससे गोपीचन्द की मृत्यु हो गयी और बाबा गणेशानंद ने पास बह रही गंगा नदी में गोपीचन्द के शव को बहा दिया और उसके मोबाइल को भी गंगा नदी में फेंक दिया। गोपीचन्द की बाइक की नम्बर व इंडीगेटर आदि में तोड़कर गंगा नदी में खींच कर धकेल दी जो 12 अप्रैल को उसी स्थान से मिल गई थी।

बाबा गणेशानन्द की निशा देही पर आला कत्ल दांव और बाइक के टूटे हुए टुकड़े बरामद कर बाबा गणेशानन्द को उसके जुर्म धारा 302, 201 भादवि से अवगत कराते हुए गिरफ्तार किया गया। बाबा गणेशानन्द से गोपीचन्द को मारने का कारण पूछने पर बताया कि गोपीचन्द मुझे साढे चार लाख रुपये दे चुका था और डेढ़ लाख रुपये उसके पास नकदी थी। मुझे मालूम था कि तंत्र-मंत्र से मैं गोपीचन्द की पत्नी रेखा को नहीं मार सकता हूं। अगर गोपीचन्द मुझसे अपने रुपये वापस मांगेगा तो मैं नहीं दे पाऊंगा, क्योंकि मुझे डेढ लाख रुपये की भी सख्त जरूरत थी इसलिए मैंने गोपीचन्द की हत्या की है।

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