प्रतीक चौहान. रायपुर/नागपुर. नागपुर से गोंदिया के बीच हुई ट्रेन में 9 लाख की ज्वेलरी चोरी के मामले में आरपीएफ टास्क टीम के हाथ अब भी खाली है. सूत्रों के मुताबिक इन दिनों यहां मौजूद टास्क टीम किसी भी व्यक्ति को संदेही बताकर हिरासत में ले रही है और अधिकारियों तक ये सूचना पहुंचाई जा रही है कि चोरी के संदेहियों को पकड़ लिया गया है. लेकिन पड़ताल के बाद स्पष्ट होता है कि वो चोरी के संदेही नहीं है.

सूत्र बताते है कि साहब के एक चहेते स्टॉफ को पिछले 1 साल से टास्क टीम में रखा गया है, स्टॉफ की पोस्टिंग इतवारी में है, घर गोंदिया में और इसके बावजूद पूरा TA दिए जाने की खबर है. सूत्र तो यहां तक बताते है कि जीआरपी में अपने एक रिश्तेदार के होने का फायदा भी उक्त टास्क टीम स्टॉफ को मिल रहा है और अधिकारियों को कागजों में दिखाने वाले काम काफी आसान हो रहे है, लेकिन हकीकत कुछ और है.

लल्लूराम को सूत्र ने बताया कि गोंदिया रेलवे स्टेशन में वेंडरों की संख्या भी काफी बढ़ गई है. लेकिन सीआईबी-टास्क टीम और SIB सबने अपनी आंखे बंद कर ली है और आईजी ऑफिस तक इसकी जानकारी नहीं पहुंच रही है. वहीं जोनल आईवीजी भी इन दिनों अपनी कार्रवाईयों से नदारद नजर आ रही है. उक्त सूत्र ने ये भी दावा किया कि पिछले 2 महीने के सीसीटीवी फुजेट खंगाल लिए जाए तो गोंदिया रेलवे स्टेशन में चल रहे अवैध वेंडरों का खुलासा हो जाएगा और इससे जिम्मेदारों की पोल भी खुल जाएगी.

स्टॉफ 12-12 घंटे ड्यूटी से परेशान

नागपुर रेल मंडल का आलम ये है कि यहां स्टॉफ 12-12 घंटे ड्यूटी से परेशान है. 15 अगस्त के बाद से स्टॉफ को लगातार ड्यूटी कराई जा रही है और डीएससी ने इंस्पेक्टरों को स्टॉफ को छुट्टी न दिए जाने के अनाधिकृत फरमान भी दिए है, जिससे नागपुर रेल मंडल के स्टॉफ काफी परेशान बताए जा रहे है.