Tata Semiconductor Plant: टाटा समूह ने असम में ₹27,000 करोड़ की लागत से सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा का निर्माण शुरू कर दिया है। इस सेमीकंडक्टर प्लांट में प्रतिदिन 4.83 करोड़ सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन होगा। इसके 2025 तक चालू होने की उम्मीद है।

यहां बनने वाली चिप्स का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों, संचार और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर समेत अन्य क्षेत्रों में किया जाएगा। 29 फरवरी, 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस परियोजना को मंजूरी दी थी। यह परियोजना भारत के सेमीकंडक्टर मिशन का हिस्सा है।

27,000 नौकरियां पैदा होंगी, 15,000 प्रत्यक्ष और 12,000 अप्रत्यक्ष

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा – ‘इस प्लांट से 27,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। इसमें 15,000 प्रत्यक्ष और 12,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां होंगी। हमें उम्मीद है कि 2025 में हम इस परियोजना को पूरा कर पाएंगे और जल्दी से जल्दी परिचालन शुरू कर पाएंगे।’

टाटा दो सेमीकंडक्टर प्लांट बना रहा है, एक गुजरात में और एक असम में

13 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन सेमीकंडक्टर सुविधाओं की आधारशिला रखी। इनमें से 2 गुजरात में और 1 असम में बन रहा है। टाटा समूह इन तीन में से दो प्लांट लगा रहा है। एक प्लांट गुजरात के धोलेरा और एक असम के जगीरोड में बन रहा है।

सरकार सेमीकंडक्टर उत्पादन बढ़ा रही है, पीएलआई योजना की भी घोषणा

भारत सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना की भी घोषणा की थी। वर्ष 2021 में भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार का मूल्य $27.2 बिलियन था और वर्ष 2026 तक इसके 19% की वार्षिक दर से बढ़कर $64 बिलियन हो जाने की उम्मीद है।

ताइवान दुनिया के 60% सेमीकंडक्टर चिप बनाता है

सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (SEMI) के अनुसार, ताइवान वैश्विक चिप निर्माण क्षमता (सेमीकंडक्टर को भौतिक रूप से बनाने की क्षमता) का 60% हिस्सा रखता है। अकेले TSMC दुनिया के लगभग आधे सेमीकंडक्टर बनाती है।

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