लखनऊ. निजी बसों का किराया फिलहाल नहीं बढ़ेगा. बस ऑपरेटरों की नाराजगी की वजह से परिवहन विभाग के अधिकारी फिलवक्त बैकफुट पर आ गए हैं. बता दें कि छोटे प्राइवेट वाहनों को लेकर सरकार वन टाइम टैक्स लाने की तैयारी में थी. जिसको लेकर निजी बस और टैक्सी ऑपरेटर्स की टैक्स को लेकर परिवहन आयुक्त के कार्यालय में बैठक हुई. बैठक में ऑपरेटरों ने अपने रुख को साफ करते हुए कहा कि इस एक्ट को वापस लिया जाए. ऑपरेटरों ने प्रदर्शन की चेतावनी भी दी. जिसके बाद परिवहन आयुक्त ने टैक्स नहीं बढ़ाये जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट किया है.
दरअसल, परिवहन विभाग व्यावसायिक वाहनों/ निजी वाहनों का टैक्स 12 से 14 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी में है. बैठक से पहले ट्रैवेल्स संचालकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. संचालकों का कहना था कि इससे व्यापार प्रभावित होगा. साथ ही यात्रियों की जेब पर भी बेवजह ही भार पड़ेगा.
कोरोना काल के बाद से ही बढ़ाने की थी तैयारी
बता दें कि परिवहन विभाग ने व्यावसायिक वाहनों का टैक्स बढ़ाने का फैसला कोरोना काल के बाद ही ले लिया था. हालांकि किसी वजह से इस पर रोक लग गई. एक बार फिर से इसकी कवायद शुरू की गई है. टैक्स बढ़ोतरी की सूचना के बाद ही ट्रैवेल्स संचालकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. फिलहाल कल हुई बैठक के बाद अभी टैक्स बढ़ने को लेकर परिवहन आयुक्त ने स्थिति स्पष्ट कर दी है.
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