नई टिल्ली। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख भले ही 30 नवंबर है, लेकिन जिन्होंने अब तक 2018-19 का आईटीआर नहीं भरा है. उनके लिए बीलेटेड आईटीआर भरने की आखिरी तारीख 30 सितंबर है. लेकिन 10 हजार रुपए की लेट फीस देनी पड़ेगी. इसके साथ टैक्स से जुड़े दो और काम हैं, जिनकी आखिरी तारीख 30 सितंबर है.
बता दें कि सीबीडीटी ने 13 जुलाई को एक सर्कुलर जारी कर के कहा था कि आयकर विभाग की तरफ से पुराने आईटीआर का वेरिफिकेशन कराने के लिए एक बार राहत दी जा रही है. सर्कुलर के अनुसार जिन लोगों ने 2015-16, 2016 -17, 2017-18, 2018-19 और 2019-20 असेसमेंट इयर के लिए भरे आईटीआर का वेरिफिकेशन नहीं कराया है, वह 30 सितंबर तक अपने आईटीआर का वेरिफिकेशन करा सकते हैं.
इसके अलावा अगर आपकी आय 5 लाख से कम है तो आपको आयकर रिटर्न देरी से फ़ाइल करने पर लेट फीस के तौर पर 1000 रुपए का भुगतान करना होगा. अगर 30 सितंबर तक भी आप आईटीआर नहीं भर पाते हैं तो आप 2018-19 का आईटीआर नहीं भर पाएंगे, जब तक कि खुद आयकर विभाग की तरफ से आईटीआर भरने के लिए नोटिस देकर आदेश ना दिया जाए.
इसके साथ ही अगर आपको कैपिटल ग्रेन का फ़ायदा घर बेचने से हुआ है, तो आए एक तय समय में दूसरा घर खरीद कर या फ़िर निर्धारित बांड में निवेश कर डिडक्शन का फ़ायदा ले सकते हैं. सरकार ने सेक्शन 54 के तहत यह फायदा दिया है. वहीं लांग टर्म कैपिटल गैन पर टैक्स से बचने के लिए लोगों को कुछ जरूरी निवेश करने होते हैं. सरकार ने इसकी आखिरी 30 सितंबर तय की है. सरकार ने कहा था कि 30 सितंबर तक किया गया निवेश या कंस्ट्रक्शन या फिर कोई खरीद पर कैपिटल गेन से डिडक्शन का फायदा उठाया जा सकता है.
तारीख बढ़ाए जाने की है जरूरत
चार्टेड अकाउंटेंट मनीष अग्रवाल का मानना है कि न केवल वर्तमान बल्कि बीते साल के आईटीआर को फाइल करने की तारीख में कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन को देखते हुए बढ़ाए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से ज्यादातर लोग बैंक जाने से परहेज कर रहे हैं, रिटर्न फाइल करने में बैंक स्टेटमेंट सहित अन्य दस्तावेजों की जरूरत होती है. वहीं बैंकों के कामकाज पर असर प़ड़ा है. तारीख को आगे बढ़ाने जाने के लिए चार्टेड एकाउंटेंट एसोसिएशन की ओर से विभागीय अधिकारियों को पत्र और ई-मेल किया गया है.