सत्यपाल राजपूत, रायपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूलों को बंद कर दिया है. इसका फायदा शिक्षक और अन्य कर्मचारी बखूबी उठा रहे हैं. बगैर किसी सूचना या आवेदन के छुट्टी मार रहे हैं. ये हालात किसी एक जिला में नहीं बल्कि सभी जिलों में देखने मिल रही है.

वहीं बच्चों के पालक श्याम कुमार, विनोद साहू और कल्याणी ने कहा कि आदेशानुसार विद्यार्थी स्कूल नहीं आ रहे हैं. ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को घर तक शिक्षा पहुंचाने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है, लेकिन शिक्षक ही स्कूल नहीं आ रहे हैं, जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिर रहा है.

शिक्षा के स्तर को लेकर शिक्षा विभाग चिंतित है. बेहतर शिक्षा को ध्यान में रखते हुए कई तरह के प्रोजेक्ट लाए जा रहे हैं, लेकिन प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने वाले शिक्षक ही लापता रहते हैं. इसके पीछे का कारण कहीं न कहीं लचर व्यवस्था और अधिकारियों की निरंकुशता है.

अगर ताजा मामले की बात करें तो राजधानी रायपुर में ही संभागीय संचालक औचक निरीक्षण में  स्कूल पहुंचे. जहां उस स्कूल में 34 शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन इनमें से 24 शिक्षक अनुपस्थित थे, जिसके बाद सभी का एक-एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी किया गया. वहीं दो कर्मचारी पिछले 3 महीने से बगैर सूचना के गायब थे, उनको निलंबित कर दिया गया.

रायपुर के संभागीय संचालक के. कुमार ने कहा कि शिक्षकों की लापरवाही देखने को मिल रही है. सूचना के बगैर ही शिक्षक और अन्य अधिकारी गायब मिल रहे हैं, इसलिए औचक निरीक्षण कर रहे हैं और जहां शिक्षक अनुपस्थित मिल रहे हैं, वहां कार्रवाई भी की जा रही है.

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