रायपुर। कोरोना संक्रमित सहायक शिक्षक विनोद कुमार पटेल की मौत के बाद शिक्षकों में आक्रोश है. छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए मुआवजा और अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की है. इसके साथ ही तमाम कोरोना वारियर्स शिक्षकों का एक करोड़ रुपए का बीमा और कोरोना के मद्देनजर सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराए जाने की मांग की है.

छतीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बयान जारी कर कहा कि विनोद कुमार पटेल की मौत से शिक्षक समुदाय में घोर निराशा व गहरा आक्रोश पनप रहा है, क्योंकि मृत शिक्षक विनोद पटेल ने विखं शिक्षाधिकारी बेरला के आदेश पर कन्टेनमेन्ट जोन में सर्दी, बुखार, खांसी के लक्षणों वाले व्यक्तियों की खोज में घर घर सर्वे कार्य किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे सर्वे करने वाले शिक्षकों को किसी भी तरह के कोरोना सुरक्षा संसाधन शासन-प्रशासन की ओर से उपलब्ध नही कराया गया था. कमोबेश पूरे प्रदेश में यही हाल है.

प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा कोरोना काल मे लगातार बच्चों और शिक्षकों के बीच असफल और अव्यवहारिक प्रयोग किये जा रहे हैं, शिक्षकों का बिना बीमा किए, बिना कोरोना सुरक्षा संसाधन दिए कोरोना संक्रमितों के बीच ड्यूटी लगाई जा रही है. गली-मोहल्ले में जाकर पढ़ाने को कहा जा रहा है. जब संक्रमण प्रदेश में अत्यंत कम था तो स्कूल और कक्षाएं बन्द रखी गई, और अब जब कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है, तब विभाग गली-मोहल्ले में क्लास लगाने शिक्षकों को बाध्य कर रहा है.

प्रांताध्यक्ष के साथ संगठन के महासचिव धर्मेश शर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा, बेमेतरा जिला अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह तथा छतीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के बेरला इकाई ने कोरोना संक्रमण से मृत शिक्षकों के आश्रित को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा व तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने के साथ प्रदेश के समस्त कोरोना वारियर्स शिक्षकों के लिए 1 करोड़ का बीमा कराने और उन्हें कोरोना सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराने की मांग दोहराई है.