सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने स्कूल शिक्षा विभाग को आगाह किया है कि वह सेटअप 2008 की गलतियों को फिर से 2022 में दोहराने जा रहा है. सेटअप में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पर सर्वाधिक फोकस करना था जो कि नहीं हुआ है. सेटअप में पूर्व माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की विषयवार पढ़ाई के लिए विषय शिक्षकों की पदस्थापना को ध्यान नहीं रख गया है. वहीं सेटअप 2008 में स्वीकृत रहे पदों को विलोपित कर शिक्षकों को प्रताड़ित कर शोषण करने का आधार तैयार किया जा रहा है.

छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, महामंत्री बिहारीलाल शर्मा, रायपुर संभाग अध्यक्ष अशोक रायचा व जिला अध्यक्ष एमआर सावंत ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय में 80 विद्यार्थी संख्या पर सेटअप में 1 प्रधानपाठक और 2 सहायक शिक्षक पद के स्वीकृति का उल्लेख है. जबकि कक्षा पहली से पांचवी तक कुल 5 कक्षाओं में हिन्दी, अंग्रेजी, गणित एवं पर्यावरण सहित 4 विषयों को पढ़ाना है. गतिविधियों के लिये 1 पीरियड भी है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों से सवाल किया है कि 5 कक्षाओं में 1 प्रधानपाठक सहित 2 सहायक शिक्षक कैसे पढ़ायेंगे? इसका समाधान होना चाहिये. उन्होंने बताया कि दर्ज संख्या में क्रमशः 30 विद्यार्थियों की वृद्धि पर 1 अतिरिक्त सहायक शिक्षक का पद सेटअप में स्वीकृत होने का उल्लेख अव्यवहारिक है.

इसके अलावा उन्होंने बताया कि पूर्व मध्यमिक विद्यालय (6 वीं से 8 वीं तक) के सेटअप में 1 प्रधानपाठक और 4 शिक्षक के पद स्वीकृत करने का उल्लेख है. रोज 3 कक्षाओं में 6 विषयों अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान, गणित और विज्ञान को कैसे पढ़ायेंगे? यह सेटअप बनाने वाले अधिकारियों को बताना चाहिये. विद्यालय दर्ज संख्या 30 से कम होने पर प्रधानपाठक पद स्वीकृत नहीं होने का उल्लेख आश्चर्यजनक है. इसका मतलब संस्था प्रमुख के बिना संस्था! विद्यालय दर्ज संख्या में 30 विद्यार्थियों की वृध्दि पर 1 शिक्षक पद और स्वीकृत होने का उल्लेख सेटअप में है.

उन्होंने बताया कि इसी तरह हाईस्कूल (9 वीं एवं 10 वीं) में 220 दर्ज संख्या पर सेटअप में 1 प्राचार्य और 5 व्याख्याता के पद स्वीकृत होंगे. कक्षा 9 एवं 10 में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान पढ़ाया जाता है. संस्कृत विषय का पद 220 दर्ज संख्या से अधिक होने पर स्वीक़ृत होने का उल्लेख सेटअप में है. लेकिन 220 अथवा कम की दर्ज संख्या वाले स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को संस्कृत कौन पढ़ायेगा, इसका जवाब शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लिया जाना चाहिये. हाई स्कूल में पीटीआई का पद स्वीकृत नहीं किया गया है. सरकार खेल को बढ़ावा देने योजना बना रही है, लेकिन शिक्षा विभाग के हाई स्कूल के सेटअप में इसे नजरअंदाज किया गया है. उन्होंने जानकारी दिया कि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 9 वी से 12 वीं तक) के सेटअप में 1 प्राचार्य सहित 9 व्याख्याता के पद स्वीकृत करने का उल्लेख है.

गौरतलब है कि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में गणित संकाय,विज्ञान संकाय, कला संकाय एवं वाणिज्य संकाय अंतर्गत पढ़ाई होता है. सेटअप में हिंदी, अंग्रेजी, भौतिक, रसायन, बायोलॉजी प्रत्येक विषय के लिए व्याख्याता पद स्वीकृत है. लेकिन राजनीति विज्ञान अथवा इतिहास में 1, अर्थशास्त्र अथवा भूगोल में 1 तथा कॉमर्स में 1 व्याख्याता पद की स्वीकृति 200 दर्ज संख्या पर करने का उल्लेख है. किसी विषय में दर्ज संख्या 201 से 400 होने पर अतिरिक्त 1 विषय व्याख्याता, 401 से 600 पर 2 व्याख्याता तथा 601 से 800 तक होने पर उस विषय का 3 अतिरिक्त व्याख्याता पद स्वीकृति का उल्लेख है. कॉमर्स विषय में एकाउंटेंसी, बिज़नेस स्टडी एवं अर्थशास्त्र है. कक्षा 11 वीं एवं 12 वीं में 1 व्याख्याता द्वारा प्रतिदिन 6 क्लास लेना कठिन कार्य है.

गौरतलब है कि 2008 के सेटअप में कामर्स में 2 व्याख्याता पद स्वीकृत हुआ था. 2022 के सेटअप में 1 पद स्वीकृत होने से अतिशेष की स्थिति निर्मित होने की संभावना है. विषय में 30 अतिरिक्त दर्ज संख्या पर 1 अतिरिक्त व्याख्याता का पद स्वीक़ृति का उल्लेख है. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में संस्कृत विषय दर्ज संख्या अनुसार व्याख्याता का पद, 1 पी टी आई एवं 3 विज्ञान सहायक शिक्षक का पद स्वीकृत किया गया है.

फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि सामान्यतः प्राथमिक विद्यालय में पर्याप्त विषय शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण एक कक्षा को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक को अधिकांश विषय दिया जाता है, जो कि विद्यार्थियों की विषय में बुनियादी ज्ञान को विकसित करने में बाधक होता है. विद्यार्थियों का आधार कमजोर रहने से उच्च कक्षाओं में वो पढ़ाई से दूर होने लगता हैं.