पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. जिले में सरकारी कर्मचारी बेलगाम हो चुके हैं. इतना ही नहीं अधिकारी भी इन पर मेहरबान हैं. जिसका फायदा उठाकर एक शिक्षक आए दिन स्कूल से नदारद रहता है. शिक्षक के हौसले इसलिए भी बुलंद है, क्योंकि उसके कारनामों पर मिट्टी डालने के लिए बीईओ मौजूद हैं. वहीं गोलबाज मास्टर सिस्टम के आंखों में धूल झोकने के लिए कलेक्टर के दौरे पर पहुंचा. जहां वह बेधड़क खड़ा नजर आया. जिसकी वजह से स्कूल में ताला जड़ रहा. जब उससे इसकी वजह पूछी गई तो उसने कहा, बीईओ के मौखिक सहमति से मै दौरे में मौजूद था. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि, एक तरफ कलेक्टर साहब शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के अधिकारी और कर्मचारी पलीता लगाते हुए मौज काट रहे हैं. जिससे नौनिहालों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है.
बता दें कि, पोस्टिंग के बाद इलाके के भौगोलिक परीस्थिति से रूबरू होने के बाद कलेक्टर छिकारा स्वास्थ्य और शिक्षा के गुणवत्ता पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. लगातार दुर्गम व पहुंच विहीन इलाके का दौरा कर रहे. छुट्टियों के दिन भी उनकी सक्रियता दुर्गम इलाके में नजर आई. इस क्रम में आज वे छुरा ब्लॉक के दौरे पर थे. छुरा संकुल के स्कूलों में जाकर गणवेश, पाठ्य पुस्तक वितरण समेत अन्य जानकारी ले रहे थे. उनके इस दौरे में मैनपुर ब्लॉक के गरिबा प्राथमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक सुनील राजपूत भी नजर आया. छुरा बीआरसीसी महेश राम के साथ बगल में खड़े होकर छुरा के जवाबदार कर्मी की तरह पेश हो रहा था.
वहीं तस्वीर सामने आने के बाद जब हमने सुनील राजपूत से वजह पूछा तो जवाब चौकाने वाला था. शिक्षक ने कहा, जहां कलेक्टर का दौरा हुआ था उस संकुल का वह पहले समन्वयक था. आज छुरा बीईओ बैठक के कारण बाहर थे, अफसर को जवाब देने में सहूलियत हो इसलिए छुरा बीईओ के आपसी और मौखिक सहमति से वह छुरा बीआरसीसी के साथ साथ चल रहा था. राजपूत ने कहा कि, वह मैनपुर से छुरा आज ही आया है. कल फिर से वापस चला जाएगा. मामले में पक्ष जानने छुरा बीईओ किशुन मतवाले से संपर्क किया गया तो उन्होंने जेडी बैठक का हवाला देकर फोन काट दिया.
निगरानी नहीं इसीलिए नदारद
मामले में जब में हमने सुनील राजपूत के पदस्थ स्कूल के बारे में उनकी उपस्थिति की जनकारी ली तो शिक्षक की मनमौजी हरकत का पता चला. जिला शिक्षा समिति के सभापति और उस इलाके में रहने वाले संजय नेताम ने पालक और शिक्षा समिति से मिले जानकारी के हवाले से बताया कि, नए शिक्षा सत्र में सुनील केवल 4 से 5 दिन आया होगा. वहां प्रधान पाठक का भी वही हाल है. 91 बच्चे वाला स्कूल एक मात्र शिक्षक के भरोसे चल रहा है. संजय ने कहा कि, निगरानी नहीं होने के कारण शिक्षक मौज काट रहे हैं. शोभा और भूतबेडा संकुल में किताब और गणवेश तक नहीं बंटा है.
निरीक्षण में पकड़ाने के बाद भी सो-कॉज नोटिस नहीं
सुनील की अनुपस्थिति की पुष्टि मैनपुर बीआरसीसी सीएस नाग भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि, सत्र के पहले दिन 11 बजे जब पहुंचा तो गरिबा स्कूल बंद मिला. अन्य दिनो में उसकी अनुपस्थिति की सूचना भी मिली. आज सो-कॉज नोटिस बनाकर रखे थे. बीइओ साहब के दस्तखत नहीं होने के कारण तामिल नहीं हुआ. हैरानी की बात तो यह है कि निगरानी करने वाले उस इलाके के संकुल समन्वयक ने सत्र आरंभ के बाद से आज तक मुख्यालय में हाजिरी नहीं दी है. बीआरसीसी बोले दो संकुल के प्रभार वाले समन्वयक संतोष कुमार का महीने भर से मोबाइल बंद बता रहा है.
शिकायत पर हुआ था तबादला
मिली जानकारी के मुताबिक, छुरा ब्लॉक में पदस्थ शिक्षक सुनील स्कूल के बजाए बीईओ दफ्तर में ज्यादा दिखाई देता था. शिकायत हुई तो सितंबर माह में सुनील का तबादला मैनपुर ब्लॉक में ओडिशा सीमा में बसे गरिबा में किया गया. इस आदेश के खिलाफ सुनील कोर्ट की शरण में भी गया, जहां तबादले को जायज बताया गया. छुरा बीईओ के कितने करीबी हैं उसका अंदाजा इसी से लगाया गया कि, सुनील को मैनपुर ज्वाइन कराने छुरा बीईओ अपने कार में मैनपुर लेकर आए थे. तबादला के बाद भी छुरा से सुनील का मोह भंग नहीं हुआ है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी डी एस चौहान ने कहा कि, मामले की जांच कराएंगे. दोषियों पर आवश्यक और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
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