सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Rationalization) प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शासन ने संभाग और संचालनालय स्तर पर लिए गए निर्णयों के विरुद्ध शिक्षकों की आपत्तियों पर सुनवाई के लिए दो स्तरीय समितियों का गठन किया है। ये समितियां संभाग और संचालनालय स्तर पर काम करेंगी।

शिक्षक अपनी आपत्तियों को पहले संभागीय स्तर पर और आवश्यक होने पर संचालनालय स्तर पर प्रस्तुत कर सकेंगे। इसके लिए 15 दिनों की समयसीमा निर्धारित की गई है।

बता दें कि राज्य सरकार द्वारा गठित संभागीय समिति की अध्यक्षता संबंधित संभागायुक्त (Divisional Commissioner) करेंगे। समिति में संयुक्त संचालक (JD) और डीपीआई कार्यालय के सहायक संचालक को सदस्य नामित किया गया है। यह समिति जिला स्तरीय समिति के निर्णयों के विरुद्ध प्रस्तुत अभ्यावेदनों पर सुनवाई करेगी और स्वतंत्र निर्णय दे सकेगी।

संचालनालय स्तर पर दूसरी समिति

यदि कोई शिक्षक संभागीय समिति के निर्णय से असंतुष्ट रहता है, तो वह अंतिम अपील के रूप में संचालनालय स्तरीय समिति के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कर सकेगा। इस समिति की अध्यक्षता संयुक्त सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग करेंगे और इसमें अन्य वरिष्ठ अधिकारी सदस्य होंगे। यह समिति राज्य स्तर पर अभ्यावेदनों के अंतिम निपटारे हेतु कार्य करेगी।

देखें आदेश –

गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले के बाद ऐसे शिक्षकों को राहत मिलने की उम्मीद है, जिन्हें जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारियों (BEO) द्वारा गलत तरीके से अतिशेष घोषित कर अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

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