रायपुर। ऑनलाइन पढाई के नवप्रयोग के असफल होने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा गली-मोहल्ले में जाकर पढ़ाने का आदेश जारी हुआ है. छतीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने इसे पूरी तरह अव्यवहारिक बताते हुए ऐसे असफल प्रयोगों को तत्काल बन्द करने की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर की है.

छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि जब स्कूल खोलकर पढ़ाने से कोरोना संक्रमण का भय है, तो गली-गली, मोहल्लों में जाकर पढ़ाने से संक्रमण का खतरा कई गुना ज्यादा बड़ा है, क्योंकि गांवों में सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क नदारद है. बरसात के मौसम में खुले में पढ़ाना भी कितना न्यायसंगत है, यह भी सोचना होगाय मुख्यमंत्री इस मामले हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए वीरेंद्र दुबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नौनिहालों की सुरक्षा व उन्हें संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए अवश्य ही इस अव्यवहारिक निर्देश पर रोक लगाएंगे.

संगठन के महासचिव धर्मेश शर्मा तथा प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय के लिए शिक्षा का सबसे अच्छा माध्यम दूरदर्शन और रेडियो है. इन दोनों माध्यम की पहुंच घर-घर तक है, जिसके कारण सोशल डिस्टेंशिग का पूरा पालन होगा और संक्रमण का खतरा शून्य हो जायेगा, क्योंकि बच्चे तब अपने घर पर ही रहकर अध्ययन कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि संगठन ने सोशल मीडिया के जरिए एक सर्वे किया था, जिसमें सभी ने दूरदर्शन को सबसे बेहतर विकल्प मानते हुए इससे जरिए पढ़ाई कराए जाने की बात कही थी. लाइडस्पीकर से पढ़ाई, गली-मोहल्ले में जाकर पढ़ाई के पक्ष में एक भी व्यक्ति नहीं मिला.