रायपुर. छत्तीसगढ़ पंचायत नगर निगम शिक्षक संघ ने ने प्रदेश के शासकीय स्कूलों में इसी माह से लागू बायोमेट्रिक अटेंडेस के नाम पर शिक्षकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. संघ ने कहा है कि बायोमेट्रिक हाजरी के नाम पर शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. केवल शिक्षक संवर्ग को गुणवत्ता के नाम पर नए-नए फरमान जारी कर परेशान किया जा रहा है. जिसका उदाहरण बायोमेट्रिक अटेंडेंस है.

संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के नाम पर शाला की मूलभूत भौतिक आवश्यकता को पूरा न कर शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशान करने के उद्देश्य से नए-नए आदेश जारी कर उन्हें मानसिक अघात पहुचाने में कोई कसर नही छोड़ी जा रही है. एक ओर जहाँ स्कूलों में पदस्थ समस्त शिक्षकों को प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दोनों समय बायोमेट्रिक अटेंडेंस से लगानी है वहीं दूसरी ओर उन्ही हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में पदस्थ लिपिक, भृत्य एवम् शिक्षा विभाग के अन्य कार्यालय के कर्मचारियों को इस सिस्टम  से अलग क्यों रखा गया है. यह शिक्षा विभाग की दोहरी नीति को दर्शाता हैं. जो सर्वथा अनुचित है.

शिक्षक संघ ने  बायोमेट्रिक सिस्टम छत्तीसगढ़ शासन के शिक्षा विभाग के स्कूल, बीईओ, डीईओ कार्यालय में भी लागू किए जाने की मांग की क्योंकि शिक्षक छुट्टी लेकर जब उच्च कार्यालय में पहुँचता है तो पता चलता है कि उनकी उपस्थिति के बाद लिपिक व अधिकारी बिना सूचना के गायब हैं. अतः बायोमेट्रिक अटेंडेंस के साथ विजिटर्स पंजीयन सार्वजनिक उपलब्ध होना चाहिए, जिससे  पूरी तरह प्रशासनिक पारदर्शिता कायम रह सके.

शिक्षक संघ ने कहा है कि शिक्षक पंचायत सवर्ग अपने स्थानीय स्तर की समस्याओं,  हक व अधिकार के लिए सघर्ष कर रहा है, साथ ही वे दूरस्थ वनांचल में निष्ठा व ईमानदारी के साथ कर्तव्यों का निर्वाहन दो से तीन माह तक वेतन नही मिलने के बाद भी निभा रहें हैं.  शिक्षक संघ ने सवाल उठाते हुए कहा है कि पूरे शिक्षा विभाग में बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगाने से अधिकारियों को क्या तकलीफ है.