प्रशांत सिंह, जांजगीर-चाम्पा। प्रदेश के अन्य जिलों की तरह जांजगीर-चांपा जिले में भी युक्तियुक्तकरण का विरोध हो रहा है. शिक्षकों के तमाम संगठन एक मंच में आकर डीइओ-बीईओ की पोल खोल रैली निकालकर डीईओ कार्यालय पहुंचे, जहां गलत तरीके से युक्तियुक्तकरण करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. शिक्षकों के विरोध को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने आज शाम ही बैठक कर शिकायत की जांच कराने का आश्वासन दिया है.

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जांजगीर-चाम्पा जिला में हुआ युक्तियुक्तकरण विवादों में घिर गया है. जिला शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण में अलग-अलग नियम अपनाया है. इसके साथ जिले के पांचों विकास खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी अतिशेष सूची में भी भारी त्रुटि है, जिससे कारण सीनियर शिक्षक अतिशेष हो गए हैं, और जूनियर को उसी स्कूल में पदस्थ कर दिया गया है. इसके अलावा महिला शिक्षिकाओं को दूसरे जिला में ट्रांसफर कर दिया गया है. शिक्षकों ने इस त्रुटि को जानबूझकर की गई साजिश बताते हुए डीईओ और बीईओ पर कार्रवाई की मांग की.

शिक्षकों की आपत्तियों को दरकिनार करतेहुए जिला शिक्षा अधिकारी एके भारद्वाज शासन के गाइड लाइन के अनुसार, युक्तियुक्तकरण करने का दावा करते हैं. उन्होंने कहा कि बम्हनीडीह बीईओ द्वारा सूची बनाने में लापरवाही बरती गई थी, जिस पर कार्रवाई की गई है. अब शिक्षकों की शिकायत पर कलेक्टर के निर्देश पर आज शाम बैठक कर पूरे प्रकरण की समीक्षा करने की बात कही.

शिक्षक संघ का कहना है कि जांजगीर-चाम्पा जिला में युक्तियुक्तकरण के मामले में प्रदेश से अलग नियम अपनाने का आरोप लगाया है, जिसके कारण वरिष्ठ और गंभीर बीमारी से जूझते शिक्षकों को भी दूर भेज दिया गया है, वहीं जिन शिक्षकों ने प्रथम काउंसिलिंग में दिए जा रहे स्थान को अस्वीकार कर दिया, उन्हें जिले के अंतिम स्कूल और दूसरे जिलों में भी पदस्थापना दे दी गई है, जिसे शिक्षक द्वेषपूर्ण कार्रवाई बता रहे हैं.