रायपुर। वेतन विसंगति, पदोन्नति, क्रमोन्नति/समयमान,महंगाई भत्ता, दिवंगत पंचायत शिक्षकों के आश्रितों की अनुकम्पा नियुक्ति,CPS में बढ़ी हुई अंशदान, ट्रांसफर पर बैन पर कुछ लोगों का ट्रांसफर, LB संवर्ग जैसे अनुचित प्रत्यय पर रोक लगाने,विभिन्न एरियर्स समेत कई मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के शालेय शिक्षक हड़ताल करने के मूड में हैं.

छत्तीसगढ़ के शालेय शिक्षकों का कहना है कि इन मुद्दों पर कोई ठोस पहल होती नहीं दिख रही है. कर्मचारियों की उपेक्षा के कारण प्रदेश के समस्त शिक्षक आक्रोशित हैं.  वे अब एक बड़े आंदोलन की बढ़ रहे हैं, जिसके लिए वे जाने जाते हैं.

छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि प्रदेश कर्मचारियों की लगातार उपेक्षा से अब हमारा सब्र का बांध टूटने लगा है. हम लगातार शासन से गुहार लगा रहे हैं कि हमारी वेतन विसंगति,पदोन्नति, क्रमोन्नति, 31% मंहगाई भत्ता, दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों की अनुकम्पा नियुक्ति, 14%CPS अंशदान,ट्रांसफर का बैन खोलने,जैसे मांगों पर निर्णय लिया जाए.

सरकार ऐसा नही कर सकी है, जिसके कारण वे अब बड़े आंदोलन के लिए मजबूर हो रहे हैं, जिसकी जवाबदेही शासन की ही होगी. हमारी मांगों पर सरकार 15 दिसंबर तक पूरा नहीं करती है, तो प्रदेश के समस्त शिक्षक राजधानी रायपुर में 17 दिसम्बर 2021 को अपनी आवाज बुलंद करेंगे.

महासचिव धर्मेश शर्मा,कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी और प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने जानकारी दी. प्रदेश के कर्मचारी और शिक्षक अपने विरुद्ध हो रहे अन्याय और उपेक्षा से हताश होकर आक्रोशित हैं. उनकी मांग जल्द पूरी नहीं की जाती तो स्वाभाविक है, यह आक्रोश एक बड़े आंदोलन को जन्म देगी.

छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ समस्त जिला मुख्यालय में 8 दिसम्बर को कलेक्टर के समक्ष मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौपेंगे, जिसमें मांग पूर्ण न होने की दशा में 17 दिसम्बर 2021 को राजधानी में प्रदेश के समस्त शिक्षक एकत्रित होकर कर्मचारी अन्याय के विरोध में अपनी आवाज बुलंद करेंगे.

छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के समस्त राज्य, जिला ब्लॉक पदाधिकारियों ने अपील की है कि सभी शिक्षक/कर्मचारी 17 दिसम्बर को राजधानी आने के लिए अपनी तैयारियां पूर्ण कर लेवें.

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