Teak-Sandalwood: किसान भाईयों की ऐसी जमीन जिसका उपयोग रेगुलर फसल के लिए नहीं कर पाते हैं. वे अगर सागौन और चंदन के पेड़ लगा दे तो 15 साल में करोड़पति बन जाएंगे. भारतीय किसान कई मूल्यवान इमारती पौधों की खेती करते हैं, जिनमें सागौन, चंदन और महोगनी प्रमुख हैं. आजकल सागौन, चंदन और महोगनी के पौधों से बने फर्नीचर सबसे महंगे हैं. बाजार में इसकी मांग भी काफी है. चंदन की खेती के लिए सबसे पहले जलवायु और मिट्टी का चयन करना जरूरी है. लेकिन सागौन और चंदन के पेड़ गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छे से बढ़ते हैं. इन पेड़ों को नियमित सिंचाई, उर्वरक और कटाई की आवश्यकता होती है.
पेड़ कितने दिन में तैयार हो जाएंगे?
सागौन और चंदन के पेड़ों को परिपक्व होने में 15 साल लगते हैं. पेड़ तैयार होने के बाद 70 हजार से 2 लाख रुपये तक बिकता है. यदि कोई व्यक्ति 50 पेड़ लगाता है तो 15 वर्ष बाद वे करोड़ों में बिकते हैं. यदि कोई व्यक्ति केवल 50 पेड़ लगाता है तो 15 साल बाद उसकी कीमत 1 करोड़ होगी.
चंदन एक परजीवी पौधा है! (Teak-Sandalwood)
आपको बता दें कि चंदन एक परजीवी पौधा है. ऐसे पौधे अपना भोजन या पूरक आहार स्वयं नहीं बनाते. वे आस-पास के पौधों की जड़ों को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं और उनका उपयोग अपना भोजन बनाने के लिए करते हैं. इसलिए चंदन की खेती करने वाले किसान भाई चंदन के अलावा कोई अन्य पौधा भी लगाते हैं. चंदन की खेती के साथ-साथ किसान फलों के पेड़ भी लगा सकते हैं, क्योंकि एक चंदन के पेड़ को उगाने में 15 साल का समय लगता है. जिससे वह फायदेमंद भी हो सकता है.
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