Team India: भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है। बीते एक साल में कप्तानी से लेकर कोचिंग स्टाफ और सीनियर खिलाड़ियों तक, लगभग हर स्तर पर नई शुरुआत देखने को मिल रही है। बीते साल टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद गौतम गंभीर को टीम इंडिया का मुख्य कोच नियुक्त किया गया और इसके तुरंत बाद से टेस्ट टीम से एक के बाद एक बड़े खिलाड़ी संन्यास लेने लगे हैं।
बता दें कि बीते 1 साल के भीतर विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गज टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं। इसने फैंस के बीच हलचल मचा दी है और अब चर्चाएं हैं कि एक और दिग्गज खिलाड़ी भी जल्द ही संन्यास का ऐलान कर सकता है।
तीन दिग्गजों का जाना, क्या संयोग है या संकेत?

गौरतलब है कि पहले रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच में अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। उनके बाद रोहित शर्मा ने कप्तानी छोड़ते हुए टेस्ट फॉर्मेट से विदाई ली। और हाल ही में, विराट कोहली ने भी इंग्लैंड के खिलाफ अहम टेस्ट सीरीज़ से पहले सफेद जर्सी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
तीनों खिलाड़ियों के फैसलों में एक समानता है कि न तो उन्होंने कोई प्रेस कॉन्फ़्रेंस की और न ही किसी सीरीज़ के अंत में संन्यास का ऐलान किया। बस अचानक घोषणा और चुपचाप विदा ले लिया।
क्या अब रविंद्र जडेजा की बारी?

अब सबकी निगाहें रविंद्र जडेजा पर टिकी हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो जडेजा भी इंग्लैंड दौरे से पहले टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले सकते हैं। जब विराट और रोहित ने टी20 से संन्यास लिया था, उसके तुरंत बाद जडेजा ने भी टी20 इंटरनेशनल छोड़ने का ऐलान कर दिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि उनका टेस्ट करियर भी जल्द खत्म हो सकता है।
क्या गौतम गंभीर के कोच बनने से बदली तस्वीर?

गौतम गंभीर के कोच बनने के साथ ही टीम इंडिया में एक नई सोच और दृष्टिकोण की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि गंभीर युवाओं को अधिक मौके देना चाहते हैं और उनका फ़ोकस भविष्य की टीम तैयार करने पर है। इसी के चलते सीनियर खिलाड़ियों को उनके प्लान से बाहर किया जा रहा है? हालांकि इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है, लेकिन लगातार हो रहे संन्यासों ने चर्चाओं को हवा जरूर दी है।
युवा खिलाड़ियों पर बड़ी जिम्मेदारी
कोहली, रोहित और अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ियों का टीम से जाना भारतीय टेस्ट टीम के लिए एक बड़ा झटका है। ये वो नाम हैं जिन्होंने पिछले एक दशक तक टीम की रीढ़ मजबूत की। अब उनके जाने के बाद युवा खिलाड़ियों पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। हालांकि बदलाव खेल का हिस्सा है, लेकिन इतने बड़े नामों का एक साथ जाना यह सवाल जरूर खड़ा करता है कि क्या यह सिर्फ संयोग है या किसी बड़े बदलाव की शुरुआत?
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