नेहा केशरवानी, रायपुर. रायपुर एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम ने एक बार फिर जटिल सर्जरी में सफलता हासिल की है. 61 वर्षीय मरीज एसोफैगल कैंसर से पीड़ित था, जिसकी खाने की नली और फेफड़े की नली के बीच छेद था. खाना खाने के बाद खाना फेफड़े में चला जाता था. एएसडी डिवाइस तकनीक का प्रयोग कर सफल सर्जरी की गई. अस्पताल ने इसे मध्य भारत का पहला केस होने का दावा किया है.
एएसडी डिवाइस तकनीक से दोनों नली के बीच एक ट्रेचेओसोफेगल फिस्टुला नामक डिवाइस डाला गया, जिससे नली के बीच जो छेद था वो आपस में जुड़ गया. सर्जरी में डॉ. एसएस पाढी (सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजी), डॉ. अनुपम महापात्रा (सीनियर कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी), डॉ. दीपेश मस्के (कंसल्टेंट – पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन), डॉ. प्रदीप शर्मा (एचओडी क्रिटिकल केयर) और डॉ. अरुण अंडप्पन (सीनियर एनेस्थिसियोलॉजिस्ट) इन डॉक्टरों का बड़ा योगदान रहा.
मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ
3 घंटे चली इस सर्जरी में मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है और अच्छे से खाना खा रहे हैं. बता दें कि इस तरह के केस बहुत रेयर होते हैं. अस्पताल का दावा है कि मध्य भारत का ये पहला केस है, जिसमें एएसडी डिवाइस तकनीक का प्रयोग किया गया है.
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