रायपुर। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम में किशोर लड़को और लड़कियों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करना है. सरकार के साथ काम करने वाले स्वास्थ्य कार्यक्रमों में विभिन्न भागीदारों के साथ सहभागिता के माध्यम से समुदाय स्तर पर महत्वपूर्ण सोच लाने के साथ-साथ किशोर के अनुकूल स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना है. इन बातों को राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत दो दिवसीय समीक्षा बैठक में तय किया गया है. राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा बैठक आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित की गई.
समीक्षा बैठक में तेलंगाना ,महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, गुजरात, दादरा, नगर हवेली, दमन और द्वीव तथा छत्तीसगढ़ के राज्य कार्यक्रम अधिकारी व उपसंचालक उपस्थित थे. कार्यक्रम का शुभारंभ भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के सहायक आयुक्त डाॅ. जोया अली रिजवी ने किया. इस अवसर पर सयुक्त सचिव छ.ग. शासन डाॅ. प्रियंका शुक्ला, राज्य नोडल अधिकारी डाॅ. अमर सिंह ठाकुर, डाॅ. कौशल प्रसाद सहित राज्यों के कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित थे.
टोल फ्री नंबर से स्वास्थ्य परामर्श
समीक्षा बैठक में राज्य स्तर छत्तीसगढ़ की प्रस्तुती करते हुए बताया गया कि किशोरी बालक-बालिकाओं की प्रदेश में 9 प्रतिशत जनसंख्या है. 23 लाख 15 हजार 241 जनसंख्या में से 21 लाख 56 हजार 816 स्कूल जाते हैं. 1 लाख 58 हजार 425 किशोर बालक-बालिका स्कूल छोड़ चुके हैं. किशोर बालक-बालिकाओं के स्वास्थ्य संबंधी परामर्श के लिए 104 टोल फ्री नं. प्रारंभ किया जा चुका है.
छत्तीसगढ़ में कक्षा 6 वीं से 12 वीं के किशोर-किशोरियों को स्कूल में तथा स्कूल छोड़ चुके किशोरों को आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से आयरन फोलिक टेबलेट दिया जा रहा है. वीकली आयरन फोलिक सप्लीमेंट्री टेबलेंट स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों तक वितरण की व्यवस्था की गई है. छत्तीसगढ़ मे प्रजनन एवं यौंन स्वास्थ्य संबंधी परामर्श, महावारी के दौरान स्वच्छता संबंधी सलाह, एवं रोगों का निदान, स्त्री रोग संबंधी अन्य समस्या हेतु परामर्श एवं उपचार, प्रजनन तंत्र संक्रमण, यौन संचारित संक्रमण की पहचान व उपचार, किशोर एनीमिया का उपचार, पोषण आहार संबंधी सलाह तथा मानसिक स्वास्थ्य परामर्श एवं निदान किया जाता है.
बनाया पीयर एजुकेटर
पीयर एजुकेटर बीजापुर,बिलासपुर, दंतेवाड़ा, जशपुर एवं सरगुजा जिले प्रारंभ किया जा चुका है. प्रत्येक गांव में 1 हजार की जनसंख्या पर 4 पीयर एजुकेटर या साथियां जिनमें दो लड़के एवं दो लड़कियाँ प्राथमिकता के तौर पर जिनकीं आयु 15 से 17 वर्ष हो, उन्हें पीयर एजुकेटर बनाया गया है. स्कूल से दो पियर एजुकेटर तथा ग्राम स्वच्छता एवं स्वास्थ्य समिति द्वारा दो पीयर एजुकेटर स्कूल से बाहर समुदाय से लिया जाता है. वर्तमान में करीब 1904 पीयर एजुकेटर का चयन कर करीब 1146 प्रशिक्षण पूर्ण किया जा चुका है. समीक्षा बैठक में सभी प्रदेशों ने अपनी-अपनी प्रस्तुति दिए हैं.