रायपुर। रायपुरा की अग्रोहा सोसायटी स्थित करोड़ों की संपत्ति की तीन रजिस्ट्रियों के मामले में उप पंजीयक पर कार्रवाई की जा चुकी है, लेकिन सूचना मिलने के बाद भी तीसरी रजिस्ट्री का नाम बदलने के अलावा तहसीलदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि पहले से हो चुकी दो रजिस्ट्री की जानकारी पटवारी द्वारा लिखित में तहसीलदार को दी गई थी.

मामला पटवारी हलके नंबर 57 का है. लखनऊ की चिटफंड कंपनी शाइनसिटी ड्रीम की रायपुरा में 0.065 हेक्टेयर जमीन है. कंपनी के अटॉर्नी होल्डर ने 22 मार्च 2021 को रजिस्ट्री (आईडी सीजी 6304520032021061) से जमीन मुंबई के मनमोहन गाबा को बेच दी.

वहीं, लॉकडाउन के चलते नामांकन की प्रक्रिया अटकी रही. इसी संपत्ति की चिटफंड रजिस्ट्री के एक अन्य अधिकृत व्यक्ति बांदा निवासी मो. रजिस्ट्री (आईडी सीजी 6304579052021003) जावेद ने 20 मई को रूपेश कुमार चौबे को ट्रांसफर की थी.

दूसरी रजिस्ट्री में भी इसी संपत्ति का नाम बदला गया था, जब उसी संपत्ति की रजिस्ट्री रूपेश चौबे ने किसी अन्य व्यक्ति के नाम करा दी. रजिस्ट्री की कॉपी पटवारी की लॉगिन में पहुंची. पटवारी ने अपनी जांच में पाया कि उक्त संपत्ति को पहले भी दो बार बेचा जा चुका है.

पटवारी की रिपोर्ट में गड़बड़ी मिलते ही तहसीलदार ने तबादला रोक दिया. इसके बाद 31 अगस्त 2021 को तहसीलदार ने एसडीएम से पूरे प्रकरण की समीक्षा करने की अनुमति मांगी. तहसीदार ने दूसरी रजिस्ट्री को सही मानते हुए तीसरे पक्ष के नाम पर नाम बदलवा लिया.

पटवारी ने लिखित में दिया था अपना बयान

पटवारी को 5 मार्च 2021 को रायपुरा, पटवारी लाइट नंबर-57 में प्रभार मिला था. उस दौरान पटवारी आईडी में नामांकन के लिए शेष प्रकरणों की संख्या 600 से अधिक बता रही थी. सभी नामांकन के लिए निबंधक कार्यालय से रजिस्ट्री की प्रति की जांच कराना आवश्यक है.

पटवारी के कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व तबादला प्रकरण लम्बित होने के कारण नवीन तबादला प्रकरण की प्रक्रिया नहीं रोकी गई. 9 अप्रैल 2021 से लाॅकडाउन भी लगा दिया गया, जिससे कार्यालय पूरी तरह बंद रहा. 31 मई 2021 से कार्यालय में खुलने शुरू हुए. इसके बाद दूसरी रजिस्ट्री के नामांकन की प्रक्रिया की गई.

क्या बोले कलेक्टर ?

रायपुर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा कि इस मामले को लेकर एक बार जांच कराई गई है. पहली जांच में सब रजिस्ट्रार पर कार्रवाई की जा चुकी है. डिप्टी रजिस्ट्रार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. राजस्व अमले और अन्य के खिलाफ जांच अभी जारी है. जांच में जो दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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