धमतरी. राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज करने के एवज में तहसीलदार कुरुद द्वारा 8,000 रुपये की रिश्वत मांगने के आरोपी तहसीलदार कुरुद रामविजय शर्मा को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने चार वर्ष के सश्रम कारावास औऱ दो लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है.
गौरतलब है कि सितंबर 2011 में पेशे से अधिवक्ता बसंत साहू ने पुलिस अधीक्षक, एंटी करप्शन ब्यूरो, रायपुर को लिखित शिकायत की थी कि तहसीलदार उनका नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज करने के एवज में 8,000 रुपये की घूस मांग रहे हैं. पुलिस ने तहसीलदार को घूस लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया था. इस मामले में रायपुर स्थित विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने उनको दोषी मानते हुए चार वर्ष के सश्रम कारावास और दो लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है. कोर्ट ने तहलीसदार के आचरण पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि एक लोकसेवक का ये कृत्य सर्वथा पद औऱ सेवा की गरिमा के प्रतिकूल है. ऐसा अपराध समाज के विरूद्ध अपराध की श्रेणी में आता है इसलिए आरोपी तहसीलदार को कोई भी रियायत नहीं दी जा सकती है.