बलौदाबाजार। प्रदेश में बीते शुक्रवार शाम हुए तहसीलदारों के तबादले के बाद छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेकर तबादला करने की आशंका जाहिर की थी, जिसके बाद अब उनकी मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है. नीलमणि दुबे के खिलाफ अब भाजपा कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है। भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. सनम जांगड़े के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कोतवाली थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया कि तहसीलदार नीलमणि दुबे ने बलौदाबाजार के विधायक और छत्तीसगढ़ सरकार में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा पर ट्रांसफर में पैसे के लेन-देन का आरोप लगाया है। यह आरोप सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है, जिससे मंत्री की छवि धूमिल हो रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस आरोप को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए तहसीलदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

कोतवाली थाना प्रभारी को सौंपा गया ज्ञापन –

तहसीलदार नीलमणि दुबे ने दिया था ये बयान

गौरतलब है कि बलौदाबाजार के तहसीलदार नीलमणि दुबे ने तहसीलदारों के तबादले के एवज में राजस्व मंत्री द्वारा पैसे लेकर तबादला करने की आशंका भी जाहिर की थी।

अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने कहा था कि जो मंत्री बंगले के आगे नतमस्तक हुए, उन्हें मनचाही जगह पर पोस्टिंग दी गई है। इस ट्रांसफर पोस्टिंग में किसी प्रकार का कोई क्राइटेरिया नहीं बनाया गया है। किसी का एक वर्ष के अंदर ही स्थानांतरण कर दिया गया है, तो किसी का 3 वर्ष के बाद। मंत्री जी यह बताने का कष्ट करेंगे कि किसी भी अधिकारी का 3 वर्ष के बाद ही स्थानांतरण करने का नियम है, लेकिन इसमें एक वर्ष, दो वर्ष किसी भी क्राइटेरिया का पालन नहीं किया गया है। इस पोस्टिंग में घोर अनियमितता है।

नीलमणि दुबे ने आगे कहा कि जिस व्यक्ति का 6 महीने बाद रिटायरमेंट है, उसका भी स्थानांतरण कर दिया गया है। 55 वर्ष के व्यक्ति जो आईसीयू में भर्ती हैं, उनका भी स्थानांतरण कर दिया गया है। न तो स्वास्थ्य का क्राइटेरिया है और न ही उम्र का क्राइटेरिया, इस पोस्टिंग में कोई क्राइटेरिया नहीं है। उन्होंने कहा, पिछले 2 साल में यह मेरा छठवां ट्रांसफर है। मेरे परिवार पर क्या बीत रही है, मुझ पर क्या बीत रही है। आप 2 साल में मेरा 6-6 बार ट्रांसफर कर रहे हैं।

संघ के अध्यक्ष ने कहा था कि जानबूझकर संघ के पदाधिकारियों को टारगेट किया गया है। मैं अध्यक्ष हूं, मेरा ट्रांसफर मोहला मानपुर कर दिया गया है, क्योंकि मैं संघ का अध्यक्ष हूं और मैं लोगों की बातों को रायपुर आकर रखता हूं। मुझे जानबूझकर मोहला मानपुर भेज दिया गया है, ताकि मैं किसी भी प्रकार की बातों को रायपुर में नहीं रख पाऊं। उन्होंने कहा, राकेश देवांगन संघ के सक्रिय सदस्य हैं, उनका रायपुर से उठाकर सुकमा ट्रांसफर कर दिया गया है। संघ के पदाधिकारी गुरुदत्त पंच भये को दुर्ग में एक साल हुआ है, उनका ट्रांसफर बलरामपुर कर दिया गया है। संघ के प्रवक्ता पेखंड टोकरे को सुकमा भेज दिया गया है। यह षड़यंत्रकारी नीति है।

नीलमणि दुबे के इस बयान के बाद संघ ने लल्लूराम डॉट कॉम के नाम से बाकायदा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उनके बयान का खंडन किया और उसे नीलमणि दुबे का व्यक्तिगत बयान बताया। संघ ने कहा कि कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ का इस बयान से कोई सरोकार नहीं है। साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि भविष्य में किसी सदस्य को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए।

अपने बयान पर कायम हैं दुबे

वहीं, संघ की ओर से जारी बयान के बाद, जब हमने प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे से बात की, तो उन्होंने बताया कि वह अपने बयान पर अब भी कायम हैं। इस मामले को लेकर वह अपने साथियों के साथ हाईकोर्ट भी जाएंगे।

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