रायपुर. बनारस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे बीएसएफ के बर्खास्त सैनिक तेज बहादुर यादव का निर्वाचन आयोग ने नामांकन रद्द कर दिया है. सीमा पर तैनाती के दौरान खाने की गुणवत्ता को लेकर सुर्खियों में आए तेज बहादुर को अपने हलफनामों में विरोधाभाषी जानकारी देने पर आयोग ने चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया है. इस मामले में तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है.

दरअसल, तेज बहादुर यादव ने अपना पहला नामांकन निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 24 अप्रैल को भरा था. इसके बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन ने अपनी प्रत्याशी शालिनी यादव के स्थान पर तेज बहादुर को घोषित कर दिया. इसके बाद तेज बहादुर ने 29 अप्रैल को सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया. दोनों नामांकन पत्रों में सरकारी सेवा से बर्खास्तगी को लेकर जानकारी अलग-अलग थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने 30 अप्रैल को नोटिस जारी करते हुए एक मई तक जवाब मांगा था, लेकिन समय पर जवाब नहीं दे पाने की वजह से उनका नामांकन निर्वाचन आयोग ने रद्द कर दिया.

तेज बहादुर ने अपने पहले नामांकन में भ्रष्टाचार की वजह से पदचुय्त करने वाले कॉलम में हां लिखा था, लेकिन दूसरे नामांकन पत्र में पहले नामांकन पत्र में दी गई जानकारी को गलती से दिया जाना बताते हुए लिखा कि उन्हें बर्खास्त तो किया गया था, लेकिन भ्रष्टाचार की वजह से नहीं. निर्वाचन अधिकारी ने इस तथ्य की पुष्टि के लिए निर्णायक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 का उल्लेख करते हुए निर्वाचन के अयोग्य घोषित कर दिया.