Bihar Politics: बिहार विधानसभा के शीतकालनी सत्र के दूसरे दिन यानी की आज मंगलवार को सदन में आरक्षण के मुद्दे को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं. आरक्षण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस-आरजेडी के विधायकों ने प्रदर्शन किया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि, इन लोगों ने बढ़े हुए आरक्षण को रद्द कराया है.
तेजस्वी ने बीजेपी पर लगाया बड़ा आरोप
तेजस्वी यादव ने कहा कि, महागठबंधन सरकार में जातीय गणना हुई थी. महागठबंधन सरकार खुद करायी थी. इसके बाद आरक्षण का दायरा बढ़ा था. 50 से 65 % किया गया था. पटना हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया. हम लोगों व सीएम नीतीश को भी शक था कि बीजेपी के लोग कोर्ट जाकर किसी भी तरह बढ़े हुए आरक्षण को रद्द कराएंगे. इन लोगों ने कराया.
उन्होंने आगे कहा कि, अब बिहार सरकार बताए कि कैसे 65 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा? संविधान की 9वीं अनुसूची में डालने के लिए क्या कोई कदम उठाया जा रहा है? हमें बताया जाए. केंद्र सरकार आरक्षण के पक्ष में है या नहीं? 65 % आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डाला जाएग या नहीं? बताइए.
‘बिना प्रमाण के झूठ बोल रहे तेजस्वी’
तेजस्वी यादव के आरोप पर जवाब देते हुए डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि, बिना प्रमाण के हम पर झूठा आरोप मत लगाइए कि बीजेपी के लोगों ने पटना हाईकोर्ट जाकर बढ़े हुए आरक्षण को रद्द करा दिया. तेजस्वी यादव झूठ बोल रहे हैं.
‘बीजेपी ने भी किया था समर्थन’
संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी तेजस्वी यादव के आरोपो पर कहा कि, जब जातीय गणना महागठबंधन सरकार कराई और उसके बाद जब आरक्षण का दायरा बढ़ा था, तब बीजेपी ने भी समर्थन किया था. आरक्षण का दायरा बढ़ा तब हम और सभी दल चाहते थे कि संविधान की 9वीं अनुसूची में डाला जाए, लेकिन तब तक पटना हाईकोर्ट ने बढ़े हुए आरक्षण को रद्द कर दिया. फैसले को हम लोग चुनौती भी दिए थे.
‘आरजेडी के राज में कितना मिला आरक्षण’
वहीं, इस मुद्दे पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि, पटना हाई कोर्ट ने बढ़े हुए आरक्षण को रद्द किया. कोर्ट के फैसले पर आप सवाल उठा रहे हैं. आपके माता-पिता 15 साल राज किए. कितने लोगों को आरजेडी के शासनकाल में आरक्षण मिला था? आप मजाक आरक्षण का उड़ा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में मामला है.
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शीतकालीन सत्र बढ़ाकर पूरा करें काम
वाकआउट से पहले तेजस्वी यादव ने बिहार में आरक्षण की सीमा 85% करने की मांग की. उन्होने कहा कि, कैबिनेट की बैठक कीजिए, निरस्त आरक्षण कानून के मसौदे को संशोधित कीजिए, इसी शीतकालीन सत्र को 2 दिन बढ़ाइए और नया कानून बनाइए.
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