पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर भ्रष्टाचार का मुद्दा गरमा गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एनडीए सरकार के संरक्षण में संस्थागत भ्रष्टाचार चरम पर है। तेजस्वी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के खास मंत्री के विभाग से जुड़े तीन इंजीनियरों की 500 करोड़, 300 करोड़ और 100 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ है।

यह तो केवल तीन उदाहरण

तेजस्वी यादव ने कहा कि यह तो केवल तीन उदाहरण हैं, असलियत में भ्रष्टाचार की जड़ें सरकार के हर स्तर तक फैली हुई हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए पूछा – “मुख्यमंत्री आखिर उस मंत्री के घर बार-बार क्यों जाते हैं, जिसके विभाग में अरबों की काली कमाई हो रही है? क्या वहां कोई विशेष हिसाब-किताब होता है?”

10 करोड़ जलाने का आरोप

तेजस्वी यादव ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक इंजीनियर के घर छापेमारी में 13 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए। जांच में सामने आया कि उसके पास 500 करोड़ की संपत्ति है। वहीं, दूसरे इंजीनियर ने आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम से बचने के लिए 10 करोड़ रुपये नकद जला दिए और नाले में बहा दिए। इसके बावजूद छापेमारी में करोड़ों की संपत्ति मिली और वह 100 करोड़ का मालिक निकला। तीसरे इंजीनियर के पास 300 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ।

हर स्तर पर फैला भ्रष्टाचार – तेजस्वी

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार सिर्फ उच्च स्तर पर ही नहीं, बल्कि थाना और ब्लॉक स्तर तक पूरी तरह व्याप्त है। घूसखोरी आम हो चुकी है और इसकी गवाही राज्य के 14 करोड़ लोग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल टेंडरिंग के नाम पर मंत्री और उनके करीबियों की तिजोरियां भर रही हैं, जबकि आम जनता परेशान है।

कार्रवाई क्यों नहीं हो रही

तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से जवाब मांगा कि आखिर उनकी सरकार में भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। साथ ही उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या नीतीश कुमार को इन घोटालों की जानकारी नहीं है या फिर सब कुछ उनकी मौन सहमति से चल रहा है। बिहार की सियासत में इस आरोप के बाद एक बार फिर भ्रष्टाचार बनाम सुशासन की बहस तेज हो गई है।