कुंदन कुमार / पटना : राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण कार्य पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग द्वारा जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है, वह पारदर्शी नहीं है और यह पूरे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
वीडियो के जरिए दिखाया सबूत
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक वीडियो दिखाया जिसमें मतदाता पुनरीक्षण के फॉर्म सड़कों पर पड़े हुए और कचरे के डब्बे में फेंके गए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में सुधार के नाम पर जो काम किया जा रहा है, वह केवल आंकड़े पूरे करने के लिए किया जा रहा है। कहीं 80% पुनरीक्षण का दावा किया जा रहा है, तो कहीं कुछ और ही संख्या बताई जा रही है।
पिछले चुनाव की सीटों का हवाला
तेजस्वी यादव ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में करीब 30-32 सीटें ऐसी थीं जहां राजद उम्मीदवार 2000-3000 वोटों से हार गए थे। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में एक-एक वोट का महत्व होता है, और ऐसे में मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया में गड़बड़ी किसी भी दल के लिए भारी पड़ सकती है।
केंद्र सरकार और भाजपा पर भी लगाया आरोप
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह, इस पूरे घटनाक्रम के पीछे हैं। उनका दावा है कि भाजपा जानबूझकर मतदाता सूची में बदलाव करवा रही है ताकि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को प्रभावित किया जा सके। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भी भाजपा के दबाव में काम कर रहा है और विपक्ष की बात को अनसुना कर रहा है।
बिहार की जनता सब देख रही है
तेजस्वी ने कहा कि यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसकी सच्चाई बिहार की जनता अच्छी तरह से समझ रही है। उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते चुनाव आयोग ने निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की, तो लोकतंत्र को बड़ा नुकसान हो सकता है।
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