Marty Santosh Yadav: जम्मू कश्मीर में बिहार का एक और लाल शहीद हो गया है. भागलपुर के रहने वाले शहीद संतोष यादव नौशेरा सेक्टर में तैनात थे. आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाने के दौरान वह शहीद हो गए. उनकी शहादत की खबर से इलाके में शोक की लहर है. वहीं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

सर्च ऑपरेशन के लिए निकले थे संतोष यादव

जानकारी के अनुसार सोमवार की देर रात करीब 1 बजे जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के लिए निकले हवलदार संतोष यादव की गाड़ी अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई. गाड़ी में छह जवान सवार थे, जिनमें संतोष गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में उनकी मृत्यु हो गई.

संतोष बिहार के भागलपुर, नवगछिया के रहने वाले थे और भारतीय सेना में हवलदार के पद पर तैनात थे. उनकी पार्थिव देह को घर लाने की तैयारी चल रही है.

आर्मी यूनिट और परिवार से मिली जानकारी

संतोष के चचेरे भाई बृजेश ने बताया कि, सोमवार रात आर्मी यूनिट से फोन आया, लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया. मंगलवार सुबह हादसे की सूचना मिली. संतोष के साले, जो नौशेरा सेक्टर के पास दूसरी यूनिट में तैनात हैं, उन्होंने परिवार को घटना की जानकारी दी.

परिवार को देना चाहते थे समय

संतोष 2001 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और पिछले तीन साल से नौशेरा सेक्टर में तैनात थे. दो महीने पहले छुट्टी पर घर आए थे और VRS लेने की प्रक्रिया शुरू की थी. वे बच्चों की पढ़ाई और माता-पिता की सेवा के लिए समय देना चाहते थे.

शहीद संतोष की तीन बेटियां और एक बेटा है. उनकी बड़ी बेटी दीक्षा कुमारी ने इस साल 10वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की है. दूसरी बेटी दीप्ति कुमारी 9वीं कक्षा में, तीसरी बेटी इश्किा 7वीं कक्षा में पढ़ती है, जबकि सबसे छोटा बेटा लक्ष्य कुमार 4 साल का है.

तेजस्वी यादव ने दी श्रद्धांजलि

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शहीद संतोष यादव को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, बिहार के एक और वीर सपूत, भागलपुर जिला के इस्माइलपुर प्रखंड अंतर्गत ग्राम भिट्टा निवासी भारतीय सेना के हवलदार संतोष यादव जी ने कश्मीर में देश की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया. हवलदार संतोष यादव जी को शत-शत नमन. उनकी वीरता, निष्ठा और देशभक्ति हर भारतवासी के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी.

बिहार के कई जवान हो चुके हैं शहीद

आपको बता दें कि भारत पाकिस्तान तनाव के बीच बिहार के कई लाल अपना बलिदान दे चुके हैं. छपरा के इम्तियाज और सिवान के रामबाबू सिंह शहीद हुए हैं. वहीं नवादा के मनीष कारगिल में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए. नालंदा जिले के उतरथु गांव के सिंकदर, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात थे. जहां 13 मई को देश की रक्षा करते हुए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी.

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