आमोद कुमार/आरा,भोजपुर। बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखें नजदीक आते ही भोजपुर जिले का राजनीतिक माहौल पूरी तरह गर्म हो गया है। राज्य के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता मैदान में सक्रिय हो चुके हैं और उनका प्रचार हेलीकॉप्टर से लेकर जनसभाओं तक पूरे जोरों पर है। शनिवार को शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के लालू डेरा मैदान में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। सभा स्थल पर उमड़ी भीड़ ने महागठबंधन की ताकत का जीवंत उदाहरण पेश किया। तेजस्वी यादव ने मंच से बिहार की वर्तमान एनडीए सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि अब डबल इंजन की सरकार के दिन लद चुके हैं। मुख्यमंत्री शासन चलाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। वे केवल नाम के मुख्यमंत्री रह गए हैं, असल में सरकार कोई और चला रहा है। लेकिन अब बिहार की जनता बदलाव के लिए तैयार है। इस बार पूरे राज्य में परिवर्तन की लहर है और महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है।

तेजस्वी ने गिनाई बिहार की समस्याएं

तेजस्वी यादव ने युवाओं, किसानों और आम जनता की समस्याओं को उठाते हुए राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को रोजगार नहीं मिला। उन्हें केवल वादे दिए गए। स्वास्थ्य, शिक्षा और किसान कल्याण के मामले में भी सरकार पूरी तरह विफल रही है। जनता अब इसका जवाब देने के लिए तैयार है।

बिहार में बह रही महागठबंधन की आंधी

सभा में वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश साहनी भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार में बदलाव की आंधी चल रही है। जनता डबल इंजन की सरकार से ऊब चुकी है। आगामी चुनाव में राज्य में नई सरकार आएगी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार नई दिशा की ओर बढ़ेगा।

नारों से गूंज उठा पंडाल

लालू डेरा मैदान में उमड़ी भीड़ का उत्साह और नेताओं का आक्रामक तेवर यह संकेत दे रहा था कि भोजपुर की राजनीतिक जमीन पर चुनावी जंग इस बार और भी दिलचस्प होने वाली है। भीड़ लगातार तेजस्वी यादव ज़िंदाबाद और महागठबंधन की जय के नारों से गूंज रही थी।

हर वर्ग के सभा में थे शामिल

सभा में हर वर्ग के लोग शामिल थे युवक, महिलाएं और किसान सभी सुबह से ही मैदान में जुटे रहे। तेजस्वी यादव के भाषण ने जनता में जोश और उम्मीद जगाई, जिससे यह साफ हो गया कि भोजपुर जिले में महागठबंधन को जन समर्थन हासिल करने की मजबूत संभावना है। तेजस्वी यादव की यह रैली महागठबंधन के लिए चुनावी मोमेंटम बढ़ाने का एक बड़ा कदम है। विपक्षी पार्टी के लिए यह चुनौती और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि एनडीए के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में भी बदलाव की लहर दिखाई दे रही है।