रायपुर। अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय कुख्यात गैंगस्टर और लॉरेंस बिश्नोई के करीबी मयंक सिंह को झारखंड से रायपुर लाने की तैयारी तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ एटीएस ने झारखंड एटीएस की मदद से उसे हाल ही में गिरफ्तार किया है। मयंक सिंह पर आरोप है कि उसने 13 जुलाई 2024 को राजधानी रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र में स्थित पीआरए ग्रुप के दफ्तर पर अंधाधुंध फायरिंग कर दहशत फैलाने की साजिश रची थी। इस मामले में उसके खिलाफ हत्या, लूट और धमकाने जैसे गंभीर अपराध दर्ज हैं।

विदेश से लाया गया भारत

जानकारी के मुताबिक, मयंक सिंह को अजरबैजान से गिरफ्तार कर प्रत्यर्पण के जरिए भारत लाया गया। उसके बाद से एटीएस की टीमें लगातार उससे पूछताछ कर रही हैं।

गिरफ्तारी की पूरी कहानी

बताया जाता है कि मयंक सिंह अपने गुर्गों के साथ लगातार छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक फैले आपराधिक नेटवर्क को संचालित कर रहा था। मार्च महीने में झारखंड एटीएस ने अमन साका नाम के उसके करीबी सहयोगी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने मयंक तक पहुंच बनाई।

छत्तीसगढ़ एटीएस सूत्रों के मुताबिक, मयंक सिंह गिरोह के तार रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई समेत प्रदेश के कई जिलों से जुड़े हैं। गिरोह के सदस्य बड़ी कंपनियों और कारोबारियों को विदेशी नंबर से कॉल कर धमकाते थे और भारी रकम की मांग करते थे।

गैंगवार से जुड़ा नाम

मयंक सिंह का नाम रायपुर और अन्य शहरों में हुए गैंगवार से भी जुड़ा हुआ है। उस पर पीआरपी ग्रुप के दफ्तर में गोलीबारी करने, बड़े कारोबारियों से शादीशुदा महिलाओं के जरिए ब्लैकमेलिंग कर रकम वसूलने, धमकी भरे फोन कॉल और हथियारों की तस्करी करने जैसे संगीन आरोप हैं।

रेड कॉर्नर नोटिस था जारी

10 अक्टूबर 2024 को मयंक सिंह के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। उसके बाद से पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी थी।

एटीएस की अगली कार्रवाई

एटीएस टीम अब मयंक सिंह को ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लेकर आएगी। यहां उससे पीआरपी ग्रुप फायरिंग केस और रंगदारी से जुड़े मामलों में गहन पूछताछ की जाएगी। पुलिस को उम्मीद है कि उसकी गिरफ्तारी से छत्तीसगढ़ और झारखंड के आपराधिक नेटवर्क की कई कड़ियां खुलेंगी।

ये है पूरी घटना

तेलीबांधा थाने के पास स्थित कंस्ट्रक्शन कंपनी पीआरए ग्रुप के ऑफिस के बाहर 13 जुलाई 2024 को करीब 11 बजे पल्सर बाइक सवार दो शूटरों ने दफ्तर के बाहर पार्किंग एरिया में फायरिंग की। वहीं, फायरिंग की आवाज सुनकर कार में बैठे कारोबारी के ड्राइवर और कर्मचारी घबरा गए और जान बचाकर ऑफिस के अंदर भागे। फायरिंग की आवाज सुनकर सुरक्षाकर्मियों ने भी जवाबी फायरिंग में 2 से 3 राउंड गोली चलाई। घटना के बाद नकाबपोश शूटर मौके से फरार हो गए। जिसके बाद आरोपियों को पकड़ने पुलिस ने पूरे शहर में नाकेबंदी की। वहीं गोली चलाने वाले युवकों की बाइक JH 01 DL 4692 को तेलीबांधा क्षेत्र से बरामद किया गया था। इस गोलीकांड मामले में पुलिस ने झारखंड और पंजाब में स्पेशल टीम गठित कर कार्रवाई की। इस कार्रवाई में पुलिस ने दोनों राज्यों से अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

एनकाउंटर में मारा गया कुख्यात गैंगस्टर अमन साव

इसी मामले से जुड़े झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव का मार्च महीने में एनकाउंटर हुआ। रायपुर के तेलीबांधा इलाके में कारोबारी पर गोली चलाने के मामले में नाम आने के बाद वह रायपुर जेल में बंद था। इस बीच झारखंड के हजारीबाग में एनटीपीसी अधिकारी की हत्या में उसकी संलिप्तता उजागर हुई। इसके चलते रांची पुलिस उसे रायपुर से झारखंड ले जा रही थी। तभी पलामू के चैनपुर के पास अमन गिरोह के सदस्यों ने पुलिस काफिले पर बम से हमला कर दिया। इस दौरान पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश करते हुए अमन साव को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके ने कार्रवाई में ढेर कर दिया।