शिवम मिश्रा, रायपुर। तेंदूपत्ता बोनस घोटाले मामले में ACB-EOW की संयुक्त कार्रवाई जारी है. इस मामले में गिरफ्तार किए गए निलंबित डीएफओ अशोक पटेल को आज विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने अशोक पटेल को 26 अप्रैल तक तीन दिन की रिमांड पर सौंप दिया है.


एसीबी/ईओडब्ल्यू (ACB-EOW) की टीम ने निलंबित IFS अशोक पटेल को 17 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. अब पूछताछ के लिए EOW ने कोर्ट से 30 अप्रैल तक की रिमांड की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने फिलहाल 26 अप्रैल तक की रिमांड मंजूर की है.
क्या है तेंदूपत्ता बोनस घोटाला?
आरोप है कि वर्ष 2021-22 में वन विभाग द्वारा तेंदूपत्ता बोनस वितरण के दौरान लगभग 7 करोड़ रुपये की आर्थिक अनियमितता हुई. यह राशि तेंदूपत्ता संग्राहकों को अप्रैल-मई 2022 में वितरित की जानी थी, लेकिन राशि के आहरण के बावजूद आदिवासी संग्राहकों को भुगतान नहीं किया गया. जब इस मामले की जानकारी पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को हुई, तो उन्होंने जनवरी 2025 में कलेक्टर सुकमा और सीसीएफ को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की.
शिकायत के बाद कलेक्टर और वन विभाग ने अलग-अलग जांच समितियां गठित की. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्राहकों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें तत्कालीन डीएफओ सुकमा अशोक पटेल की भूमिका सामने आई. प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया. इसके बाद से एसीबी और ईडब्ल्यू की संयुक्त टीम सुकमा और कोंटा क्षेत्र में तेंदूपत्ता प्रबंधकों पर निगरानी बनाए हुए है.
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