रायपुर।  भाजपा के बाद अब कांग्रेस में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग को लेकर विधायक लामबंद होते दिखाई दे रहे हैं. क्योंकि कांग्रेस के आदिवासी विधायक रामदयाल उइके अभी भी आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग वाले बयान पर कायम है. समन्वय समिति से नदारद रहने वाले उइके आज कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया से मिलने रायपुर पहुंचे. रायपुर में पुनिया से वन टू वन चर्चा की. इससे पहले मीडिया से बातचीत में उइके ने सीधे और स्पष्ट तौर पर कह दिया की उन्हें जो बात जहां पहुंचानी तो वो उन्होंने पहुंचा दी. समाज के लोग जो चाहते मैंने वही कहा है.

उइके ने जो कहा है तो उसने कह ही दिया, लेकिन सबसे अहम तो ये कि कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज मंडावी ने भी उनका समर्थन कर दिया. मनोज मंडावी ने कहा कि वे उइके के बयान के साथ है.  जाहिर तौर पर ये कांग्रेस के भीतर आदिवासी एक्सप्रेस चलाने की मुहिम को एक तरह से बल मिलना है. मनोज मंडावी से पहले प्रदेश आदिवासी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शिशुपाल सोरी भी उइके के बयान का समर्थन कर चुके हैं.

ये और बात है कि कल प्रेसवार्ता में कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने सीधे तौर पर उइके की ऐसी किसी मांग को खारिज कर दिया था. वहीं कल ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे ने भी कांग्रेस आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग को खारिज करते हुए कहा था कि कांग्रेस के भीतर जातिगत राजनीति नहीं होती. वहीं आज नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने भी उइके के बयान को झूठलाते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस के लिए नहीं, बल्कि बीजेपी के लिए कहा था कि बीजेपी में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग होते रहती है.

जाहिर तौर पर इस बीच कांग्रेस में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग को लेकर टेंशन बढ़ते दिखाई दे रहा है. कांग्रेस के प्रभारी से लेकर वरिष्ठ नेता उइके के बयानों को जहां नजर अंदाज कर नकारने और झूठलाने में लगे हैं, तो दूसरी ओर आदिवासी विधायक  उइके के बयान पर एकजुट होते दिखाई दे रहे हैं.