लक्ष्मीकांत बंसोड़, डौंडी। आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक डौंडी के लिमऊडीही गांव में एक युवक को मौत के घाट उतारने के बाद भी हाथियों का आतंक थमा नहीं है. युवक की मौत के बाद भी वन विभाग की कवायद जमीन पर तब्दील होती नजर नहीं आ रही है. शुक्रवार रात हाथियों का दल की दस्तक से सुरडोंगर व कुर्रूटोला गांव के ग्रामीण दहशत में रहे.
सूरज ढलने के बाद रात के अंधेरे में हाथियों का दल कुर्रूटोला निवासी बरातूराम पिस्दा के घर पहुंचा. दहशत में गुजरी रात के बारे में बरातूराम ने बताया कि रात लगभग 8 बजे उसके घर के आसपास किसी के आने की आहट मिली, जब वह घर से निकला तो देखा सामने हाथियों का दल खड़ा है. आनन-फानन में वह दौड़ कर अपने घर पहुंचा और कमरे को अंदर से लगाकर खाट के नीचे चुपचाप बैठा रहा. उसके साथ परिवार के दूसरे सदस्य भी उनके साथ उसी कमरे में खाट के नीचे अपनी जिंदगी की उल्टी गिनती गिनने लगे.
दरअसल, हाथियों का दल उसके घर को घेरकर रखा था, तो वहीं हाथियों के दल में शामिल हाथियों दो छोटे बच्चे उनके घर के अंदर पहुंच गए, जहां रखे 3 एकड़ की बोरियों में भरे धान को एक-एक कर बाहर निकालें और धान की बोरियों में चढ़कर सारा धान बिखेर दिए. बरातूराम ने बताया कि वह और उनका परिवार जिस कमरे में थे, वहां के दरवाजे को दो बार हाथियों ने तोड़ने की कोशिश की, लेकिन वह बाल बाल बच गए.
गर्भवती सूअर को पैरों तले रौंदा
सुरडोंगर के यशवंत दर्रो ने बताया कि वह अपने बाड़ी में सूअर पाल कर रखे थे, जिसमें से एक गर्भवती सूअर को हाथियों ने अपने पैरों तले कुचल कर मौत के घाट उतार दिया, तो वही अन्य सूअर वहां से भाग गए. इसके अलावा उनकी फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है. शुक्रवार को हाथियों का आतंक यहीं पर नहीं थमा और कमलेश कुमार तारम के घर जाकर उनके घर को तोड़ दिया.
अभी भी नहीं है सुरक्षित
वन विभाग व प्रशासनिक अमले के आश्वासन के बाद भी आसपास के लोग आज भी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. उनमें दहशत इस बात का है कि कब हाथियों का दल उनके घर की ओर रुख कर दें और उनके आशियाने तो उजाड़ दें या फिर उनकी फसलों और पशुओं को मौत के घाट उतार दे. बहरहाल, छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया के विधानसभा क्षेत्र होने के कारण लगातार उनके प्रतिनिधि पियूष सोनी हालातों का जायजा लेने प्रभावित इलाकों के दौरे पर हैं, और प्रभावितों से लगातार मुलाकात कर रहे हैं.
बेहतर व्यवस्था की जरूरत
वहीं ग्राम पंचायत लिमऊडीही के सरपंच सुखदेव पिस्दा ने वन विभाग व जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी सुरक्षा के लिहाज से कोई बेहतर इंतजाम जिला प्रशासन या वन विभाग ने नहीं किया है. हालात काबू में करने के लिए तत्काल वन विभाग व जिला प्रशासन के आपसी सामंजस्य से बेहतर उचित व्यवस्था करना बेहद आवश्यक है.