झारखंड ATS को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है. एटीएस ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर के संदिग्ध सदस्य अम्मार याशर को धनबाद से गिरफ्तार किया है. उसकी गिरफ्तारी भूली ओपी के शमशेर नगर क्षेत्र से हुई, जहां से कई संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किए गए. अम्मार याशर को अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया. पूछताछ के दौरान, उसने एटीएस के सामने कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की हैं, जो हिज्ब-उत-तहरीर के नेटवर्क को समझने में मदद कर सकती हैं.
एटीएस ने जानकारी दी है कि अम्मार का संबंध पहले प्रतिबंधित संगठन इंडियन मुजाहिदीन से था. उसे 2014 में जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उसने 10 साल जेल में बिताए. मई 2024 में उसे जमानत पर रिहा किया गया.
अयान जावेद से पूछताछ में किया खुलासा
रिहाई के बाद, अम्मार याशर ने हिज्ब-उल-तहरीर (एचयूटी) के सदस्यों से फिर से संपर्क किया, जिन्हें हाल ही में एटीएस ने गिरफ्तार किया था. एटीएस द्वारा हाल में पकड़े गए एचयूटी के सदस्य अयान जावेद से पूछताछ के दौरान अम्मार की फिर से संलिप्तता का पता चला. एटीएस अधिकारियों के अनुसार, जावेद ने अम्मार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की, जिसके परिणामस्वरूप उसके पास से संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए, जो उसे इस प्रतिबंधित समूह से जोड़ते हैं.
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धनबाद में आतंकी नेटवर्क पर कार्रवाई
26 अप्रैल को एटीएस ने धनबाद में एक आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की, जिसमें प्रतिबंधित संगठन हिज्ब-उल-तहरीर और भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) से जुड़े चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान गुलफाम हसन (21), अयान जावेद (21), मोहम्मद शहजाद आलम (20) और शबनम परवीन (20) के रूप में हुई है. उनके पास से दो पिस्तौल, 12 कारतूस, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए हैं. हिज्ब-उल-तहरीर को 2024 में यूएपीए के तहत प्रतिबंधित किया गया था, और यह देश में इस संगठन से संबंधित पहला मामला है.
पूछताछ में याशर ने किया बड़ा खुलासा
एटीएस ने एक बयान में बताया कि उसने याशर का मोबाइल फोन जब्त किया है, जिसमें कई संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं जो प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित हैं. एटीएस के अनुसार, याशर ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह पहले प्रतिबंधित संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) से जुड़ा था, जिसके चलते उसे 2014 में जोधपुर में गिरफ्तार किया गया और जेल भेजा गया. बयान में यह भी कहा गया है कि लगभग 10 साल जेल में बिताने के बाद, याशर को मई 2024 में जमानत पर रिहा किया गया. रिहाई के बाद, वह धनबाद में अयान जावेद और अन्य आरोपियों के संपर्क में आया और प्रतिबंधित संगठन एचयूटी (हिज्ब उत-तहरीर) से जुड़ गया.
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